अध्याय 4: नया जोखिम, छाया का रहस्य
तीन महीने बीत चुके हैं। आरव, निषा, यश, काव्य और ध्रुव की टीम नए गाँवों की यात्रा पर है, जहाँ छाया तत्व की असामान्य गतिविधियाँ दिखाई दे रही हैं।
एक रात, आरव को अपने सपने में कालदूत की छाया पुनः दिखती है – पर्दे के पीछे कोई शक्ति उसकी प्राणशक्ति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है। उसी समय, विवर संघ के बचे सदस्य एक पुराने मंदिर में रहस्यमयी अनुष्ठान कर रहे हैं, जिससे कालदूत के जागरण का संकेत मिलता है।
अगले दिन, टीम ग्रामीणों से मिलती है, जहाँ रहस्यमयी बीमारी फैल रही है। यश अपनी जल तकनीक से ग्रामीणों का उपचार करता है, निषा वायु द्वारा बीमारी का कारण पता लगाती है, और ध्रुव धरती से तालमेल बिठाता है।
अपने पुराने गुरु मंदाकिनी से आरव सीखता है कि कालदूत न सिर्फ बाहरी, बल्कि आत्मा के भीतर, भय और संदेह में छुपा है।
टीम को अब पूरे गाँवों में फैले विवर संघ के गुप्त एजेंटों को ढूंढना है और कालदूत की ऊर्जा को जागने से रोकना है।
बड़ा युद्ध: छाया बनाम अग्निच्छाया
टीम मंदिर में पहुँचती है, जहाँ अरीहंत की आत्मा छाया-रूप में प्रकट होती है। वह आरव को चुनौती देता है: "असली वीरता अपने डर को स्वीकार कर उसका सामना करने में है। तुम छाया को काबू कर सकते हो या वह तुम्हें निगल जाएगी!''
आरव अपने साथियों की मदद से छाया की शक्ति को अपने अग्निच्छाया-महातंत्र से बांधता है। गाँव और साथी मिलकर मंत्र पढ़ते हैं, जिससे छाया का प्रभाव कमजोर होता है। अंतिम वार में आरव स्वयं अपने डर को नष्ट करता है, जिससे कालदूत की छाया कमजोर होकर टूट जाती है।
मंदिर में उजाले का प्रवाह लौट आता है। आरव, निषा, यश, काव्य और ध्रुव गाँवों, गुरुओं और प्रकृति से जुड़कर दुनिया की सुरक्षा के लिए नई जिम्मेदारी उठाते हैं।
आगामी चुनौतियाँ
लेकिन कहानी अभी खत्म नहीं हुई। विवर संघ के नए रहस्य खुले हैं – "छाया का स्रोत कहीं और है," मंदाकिनी गुरु ने संकेत दिया। अब टीम को नये क्षेत्र, पुराने दस्तावेज़ व प्राचीन ग्रंथों की खोज करनी है, ताकि अगली बार आने वाले अंधकार को हमेशा के लिए मिटाया जा सके।
क्या आप चाहते हैं कि अगली कड़ी में *छाया के वास्तविक स्रोत*, अरीहंत की रहस्यमयी वापसी, और टीम की सबसे बड़ी परीक्षा का विस्तार किया जाए?
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