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द बॉय हू हार्नेस्ड द विंड: क्रिएटिंग करंट्स ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी एंड होप



विलियम कामक्वाम्बा का जन्म मलावी में हुआ था, एक ऐसा देश जहां जादू का शासन था और आधुनिक विज्ञान रहस्य था। यह सूखे और भूख से सूख गई भूमि भी थी, और एक ऐसी जगह जहां आशा और अवसर मिलना मुश्किल था। लेकिन विलियम ने यूजिंग एनर्जी नामक पुस्तक में पवन चक्कियों के बारे में पढ़ा था, और उसने एक ऐसी पवन चक्कियों के निर्माण का सपना देखा था जो उसके गांव में बिजली और पानी लाएगी और उसके और उसके आसपास के लोगों के जीवन को बदल देगी। हो सकता है कि उसके पड़ोसियों ने उसका मज़ाक उड़ाया हो और उसे मिसाला - पागल कहा हो - लेकिन विलियम ने उन्हें यह दिखाने के लिए दृढ़ संकल्प किया था कि थोड़ी सी धैर्य और सरलता क्या कर सकती है।


एक लड़के के रूप में बिजली की कार्यप्रणाली से मंत्रमुग्ध होकर, विलियम का लक्ष्य मलावी के शीर्ष बोर्डिंग स्कूलों में विज्ञान का अध्ययन करना था। लेकिन 2002 में, उनका देश अकाल से त्रस्त हो गया, जिससे उनके परिवार की खेती बर्बाद हो गई और उनके माता-पिता बेसहारा हो गए। अपनी शिक्षा के लिए प्रति वर्ष अस्सी डॉलर की ट्यूशन फीस का भुगतान करने में असमर्थ विलियम को पढ़ाई छोड़ने और अपने परिवार को भोजन जुटाने में मदद करने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि देश भर में हजारों लोग भूख से मर रहे थे।


फिर भी विलियम ने अपने सपनों को जाने देने से इनकार कर दिया। अपने पेट में एक मुट्ठी कॉर्नमील, एक बार भूली हुई विज्ञान पाठ्यपुस्तकों के एक छोटे से ढेर और जिज्ञासा और दृढ़ संकल्प के शस्त्रागार से ज्यादा कुछ नहीं होने के कारण, उन्होंने अपने परिवार को विलासिता का एक सेट लाने की साहसी योजना शुरू की, जो केवल दो प्रतिशत मलावीवासियों के लिए है। वह वहन कर सकता है और जिसे पश्चिम एक आवश्यकता मानता है—बिजली और बहता पानी। स्क्रैप धातु, ट्रैक्टर के हिस्सों और साइकिल के हिस्सों का उपयोग करके, विलियम ने एक कच्ची लेकिन संचालित करने योग्य पवनचक्की बनाई, एक असंभावित उपकरण और छोटा चमत्कार जिसने अंततः घर में बने स्विच और कीलों और तार से बने एक सर्किट ब्रेकर के साथ चार लाइटें संचालित कीं। एक दूसरी मशीन ने पानी का पंप बना दिया जो हर मौसम में आने वाले सूखे और अकाल से लड़ सकता था।


जल्द ही, विलियम की "इलेक्ट्रिक विंड" - की खबर उसके घर की सीमाओं से परे फैल गई, और वह लड़का जिसे कभी पागल कहा जाता था, दुनिया भर के लोगों के लिए प्रेरणा बन गया।


यहां मानवीय आविष्कारशीलता और भयावह प्रतिकूल परिस्थितियों से उबरने की उसकी शक्ति के बारे में उल्लेखनीय कहानी है। द बॉय हू हार्नेस्ड द विंड किसी भी व्यक्ति को प्रेरित करेगा जो अपने समुदाय को बदलने और अपने आस-पास के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की एक व्यक्ति की क्षमता पर संदेह करता है।‌‌


The Boy Who Harnessed the Wind: Creating Currents of Electricity and Hope


William Kamkwamba was born in Malawi, a country where magic ruled and modern science was mystery. It was also a land withered by drought and hunger, and a place where hope and opportunity were hard to find. But William had read about windmills in a book called Using Energy, and he dreamed of building one that would bring electricity and water to his village and change his life and the lives of those around him. His neighbors may have mocked him and called him misala—crazy—but William was determined to show them what a little grit and ingenuity could do.


Enchanted by the workings of electricity as a boy, William had a goal to study science in Malawi's top boarding schools. But in 2002, his country was stricken with a famine that left his family's farm devastated and his parents destitute. Unable to pay the eighty-dollar-a-year tuition for his education, William was forced to drop out and help his family forage for food as thousands across the country starved and died.


Yet William refused to let go of his dreams. With nothing more than a fistful of cornmeal in his stomach, a small pile of once-forgotten science textbooks, and an armory of curiosity and determination, he embarked on a daring plan to bring his family a set of luxuries that only two percent of Malawians could afford and what the West considers a necessity—electricity and running water. Using scrap metal, tractor parts, and bicycle halves, William forged a crude yet operable windmill, an unlikely contraption and small miracle that eventually powered four lights, complete with homemade switches and a circuit breaker made from nails and wire. A second machine turned a water pump that could battle the drought and famine that loomed with every season.


Soon, news of William's magetsi a mphepo—his "electric wind"—spread beyond the borders of his home, and the boy who was once called crazy became an inspiration to those around the world.


Here is the remarkable story about human inventiveness and its power to overcome crippling adversity. The Boy Who Harnessed the Wind will inspire anyone who doubts the power of one individual's ability to change his community and better the lives of those around him.‌‌


व्यवस्था


जंगल मे शेर ने एक फैक्ट्री डाली.... उसमे एकमात्र काम करने वाली चीटियाँ थी जो समय से आती जाती थी और फैक्ट्री का सारा काम करती थी


शेर का व्यसाय बहुत ही व्यवस्थित ढंग से चल रहा था।


एक दिन शेर ने सोचा कि ये चींटीया इतना सुंदर काम कर रही है, अगर इसको किसी विशेषज्ञ के निगरानी में रख दूँ तो और बेहतर काम कर सकती है।


ये खयाल मन मे आते ही शेर ने एक मधुमक्खी को मैनेजर नियुक्त कर दिया।


मधुमक्खी को कार्य का बहुत अनुभव था और वह रिपोर्ट्स लिखने में भी बहुत होशियार थी।


मधुमक्खी ने शेर से कहा कि सबसे पहले हमें चींटीयों का काम करने का समय सारिणी बनाना होगा । फिर उसके काम का सारा रिकार्ड अच्छी तरह रखने के लिए मुझे एक अलग से सेक्रेटरी चाहिए होगा।


शेर ने खरगोश को सेक्रेटरी के रूप में नियुक्त कर दिया।


शेर को मधुमक्खी का कार्य पसंद आया ।उसने कहा कि चींटीयों के अब तक पूरे हुए सारे कार्यों की रिपोर्ट दो और जो प्रगति हुई है उसको एक सुंदर ग्राफ बनाकर निर्देशित करो।


मधुमक्खी ने कहा ठीक है , मगर मुझे इसके लिए कंप्यूटर,लेज़र प्रिंटर और प्रोजेक्टर चाहिए होगा।


इस सबके लिए शेर ने एक कंप्यूटर डिपार्टमेंट बना दिया और बिल्ली को वहां का सर्वेसर्वा नियुक्त कर दिया


अब चींटी अपना काम करने के बजाय सिर्फ कागज़ी रिपोर्ट बनाने में ध्यान देने लगी,जिससे उसका काम पिछड़ता गया औऱ अंततः प्रोडक्शन कम हो गया।


शेर ने सोचा कि कंपनी में एक तकनीकी विशेषज्ञ रखा जाय जो मधुमक्खी की सलाहों पर अपनी राय दे सके। ऐसा सोंचकर उसने बंदर को तकनीकी विशेषज्ञ नियुक्त कर दिया।


अब चींटी जो भी काम दिया जाता वह उसको पूरी सामर्थ्य से करने की कोशिश करती लेकिन अगर काम कभी पूरा नहीं होता तो वह विवश होकर उसको अपूर्ण छोड़कर घर चली जाती।


शेर को लगातार नुकसान होने लगा तो वह बहुत बेचैन हो उठा ।कोई उपाय न देख मजबूरी में उसने उल्लू को नुकसान का कारण पता लगाने के लिए नियुक्त कर दिया।


तीन महीने बाद उल्लू ने शेर को अपनी विस्तृत व बेहद गोपनीय रिपोर्ट सौंप दी जिसमे उसने बताया कि फैक्ट्री में काम करने वालों की संख्या ज्यादा है औऱ कंपनी के घाटे को कम करने के लिए कर्मचारियों को सस्पेंड, नोटिस, बर्खास्त करना होगा...।


अब आप बहुत गंभीरता से सोचिए किसको सस्पेंड, नोटिस बर्खास्त किया जाएगा.............????????

चींटीयों को..

क्योंकि वास्तव में वही एक मात्र वर्कर थी 

यही व्यवस्था इन्सान करता है


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