पंचायत 4 कहा मिलेगा, Download free Panchayt Season 4

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आज शादी‌ हो रही थी उसकी .... किसके साथ हो रही थी .... क्यों हो रही थी ...ये वो कुछ नहीं जानती‌ थी ....उसे तो सख्ती से तैयार होने का आदेश दिया गया‌ था .... और बिना उसकी अनुमति के उसे तैयार भी कर दिया गया था ....मानो एक गुड़िया को कपड़े पहना कर मंडप में बैठा दिया गया हो ....


हर तरफ चहल पहल थी ... औरतें ठहाके लगा रही थी ...आदमी लोग इधर उधर दौड़ भाग कर रहे थे ....सब खुश थे ...बस खुश नहीं थी तो वो दुल्हन...जिसकी जिंदगी आज बदलने वाली थी ....वो किसी गुड़िया की तरह मंडप के पास रखी एक कुर्सी पर बैठी थी ... और हवन की अग्नि को लगातार देख रही थी ...उसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था कि उसकी शादी हो रही है या फिर कितने लोग उसके आसपास बैठे हैं...उसे तो बस यही लग रहा था कि वो एक जहान्नुम से निकल कर दूसरे जहान्नुम में जा रही थी ... यहां कुछ अपने कहने के लिए लोग तो थे ... वहां ना जाने कौन होगा ....जिसके साथ वो रहेगी ....


वहीं उसी हॉल के एक कमरे में ...एक लड़की गुस्से में सामान को इधर उधर फेंक रही थी .... और उसके माता‌ पिता उसे रोकने की कोशिश में लगे थे ... लेकिन लड़की अपने आपे से बाहर थी ....वो गुस्से में बोली रही थी कि आपने उसकी शादी कैसे फिक्स कर दी ....इतने अच्छे लड़के के साथ ...वो तो मेरा होना चाहिए था.... मैं उससे शादी करना चाहती हूं.... मैं उसकी प्रोपर्टी पर अपना हक जताना चाहती हूं....वो नहीं ....


लड़की के पापा ने उसे पकड़ कर बेड पर बैठा दिया फिर बोला" मेरी जान .... मैं कुछ भी सोचे बिना नहीं करता हूं...जिस लड़के से उसकी शादी हो रही है ...वो इंसान नहीं ...हैवान है ...जितनी जिल्लत उस लड़की को यहां मिली है ... वहां इससे भी ज्यादा मिलने वाली है.... मैंने ऐसा इंतजाम किया है कि ये कभी खुश नहीं रह सकती है ... और तू कह रही है कि तू उस जल्लाद से शादी करना चाहती है ...तूने उसे सोशल मीडिया पर देखा है ... लेकिन मैंने उसे अपनी आंखों से देखा है .... जानवरों जैसा सुलूक करता है ये लोगों के साथ....


वो आदमी आगे कुछ बोलता उससे पहले ही बाहर से आवाज सुनाई दी....चलो चलो ...लगता‌ है ....बारात आ गयी ....हम तो देखें ...खुशी का दूल्हा....कैसा दिखता है ...

आदमी ने लड़की को छोड़ दिया और बोला " तो अब मुस्कुरा कर अपनी प्यारी सी बहन को विदा करो ....ताकी सबको लगे कि हमने अपना फर्ज ठीक से निभाया है....।


लड़की ने अपनी मां की ओर देखा तो उसकी मां ने भी कुटिलता से हंसते हुए हामी भरी और तीनों बाहर आ गये ...


सब लोग दूल्हे को देखने के लिए बेताब हो रहे थे .... और हो भी क्यों ना ... एशिया का सबसे छोटी उम्र का ... और सबसे बड़ा बिजनेसमैन था ...रजत सिंघानिया...जितना बड़ा नाम उतने ही बड़े काम ....


रजत सिंघानिया.... दिखने में बहुत स्मार्ट और हैंडसम था ....ये लोगों के सामने बहुत कम आता है ... लेकिन सोशल मीडिया पर एक्टिव रहता है और अपने फोटोज शेयर करता रहता है .... लेकिन फोटोज से कोई इसके स्वभाव का पता नहीं लगा पाया ... कोई कहता है ये इंसान नहीं जानवर है ...तो कोई कहता है कि ये दिखने में खडूस टाइप नहीं है ...बस लोग बदनाम कर रहे हैं ...


सब लोग बारात के स्वागत में खड़े हो गये... और इंतजार करने लगे ....तभी‌ बड़ी सी गाड़ी आकर सबके सामने रूकी ...तो सबके चेहरे चमक उठे .... उसमें से लगभग 6 फुट का ... अच्छी कद काठी का लड़का बाहर निकला ... उसने सेहरा बांध रखा था और ब्लैक कलर का सूट पहना था ....सेहरा रहने की वजह से किसी को उसका चेहरा दिखाई नहीं दे रहा था ... लेकिन लोग तो उसे ऐसे देख कर ही खुश हो रहे थे ... मानों कोई देवता आसमान से उतर कर आया हो ....


ये रजत सिंघानिया था ...वो अकेले ही उन लोगों की ओर बढ़ गया ...तो सब लोग खुसुर फुसुर करने लगे कि ये अकेला ही क्यों आया है .... क्या इसके परिवार में कोई नहीं है ...या फिर ये लेकर नहीं आया ...

रजत जैसे ही सबके पास पहुंचा सबके मुंह बंद हो गये और एक झूठी मुस्कान सबके चेहरों पर खिल गई...


अंदर मंडप के पास बैठी खुशी शर्मा को ये तक एहसास नहीं था कि उसके आसपास अब कोई नहीं है ...वो अकेली हॉल में बैठी एकटक जमीन को निहार रही थी ....तभी पास मंत्र पढ़ रहे पंडित ने कहा " बिटिया....तुम काफ़ी देर से यहां बैठी हो ... बोरियत महसूस नहीं हो रही है ...

पंडित जी के अचानक बोलने से खुशी थोड़ी डर गई और बिना कुछ बोले सीधी होकर बैठ गयी । पंडित जी ने फिर से मंत्र बोलने शुरू कर दिए...।


बाहर खुशी की चाची रजत की आरती कर रही थी और शादी की सभी रस्में कर रही थी ....तभी एक औरत ने रजत को देखते हुए कहा " बेटा ...आप अकेले आये हो ...आपके परिवार वाले नहीं आये....

रजत ने अपना सेहरा को एक ओर करके कहा " आपकी बेटी भी तो अकेली ही जायेगी .... और शादी मुझे करनी है परिवार वालों को नही .... इसलिए ज्यादा दिमाग मत लगाइए....।

रजत के खूबसूरत से चेहरे को देखकर सभी लड़कियां खुशी से जलने लगी .... लेकिन वो कर भी क्या सकती थी ... वहीं खुशी की चचेरी बहन ने अपनी मुट्ठी कस ली .... लेकिन वो कुछ बोली नहीं ...


रजत को अंदर लाया गया ...रजत ने एक नजर खुशी को देखा ....फिर मंड़प में आकर शान्ति से बैठ गया .... कुछ देर बाद खुशी को भी मंड़प में बैठा दिया गया और दोनों के फेरे हुए....

और अब आप दोनों पति पत्नी हैं ... पंडित जी ने फिल्मी डायलॉग बोलते हुए कहा....तो सब हंस पड़े .... लेकिन ना तो रजत के चेहरे पर हंसी आई और ना खुशी के चेहरे पर ...


खुशी 5 फुट 6 इंच की एक पतली सी ... और गौरी सी लड़की ....शादी के लाल जोड़े में बहुत खूबसूरत लग रही थी .... लेकिन उसके चेहरे पर ...ना कोई खुशी थी ना कोई ग़म ....मानो वो इस दुनिया में है ही नहीं ....उसे एक गुड़िया की तरह एक जगह से उठाकर दुसरी जगह बैठा दिया जाता .... और वो भी जैसे अपने आप में हो ही ना ...


खैर शादी हुई और रजत खुशी को लेकर अपने घर की ओर रवाना हुआ ....

गाड़ी में रजत के ड्राइवर ने रजत और खुशी दोनों को खामोश देखकर कहा " वैसे सर ...आपने वो वाला चुटकुला फेल कर दिया ...जिसमें कहते हैं कि लड़का बारात लेकर जाता है और वो शेरनी अकेली आती‌ है ...

आज आपने दिखा दिया...कि आप भी शेर हैं ...जो अकेली शेरनी को लेकर आये हैं....।


रजत ने ड्राइवर को घूर कर देखा ...फिर बोला " ये बकवास जोक मारने से अच्छा गाड़ी चलाने पर ध्यान दो ....

रजत ने एक नजर खुशी को देखा ....जो बाहर देख कर बिना किसी भाव के आराम से बैठी थी ...

अब रजत ने अपने लैपटॉप को उठाया और उसमें कुछ काम करने लगा ....।


खुशी को ना रजत से कोई फर्क पड़ रहा था ...ना किसी ड्राइवर के जोक से ....वो तो बस अपनी किस्मत पर अंदर ही अंदर रो रही थी .... क्योंकि बाहरी आंसू तो उसके कब के खत्म हो चुके थे ....10 साल से वो अपने बाहरी आंसूओं को बहाती रही है .... लेकिन अब वो रोती नहीं है ...जो होता है उसे सहती हो और बस सहती ही है ....

चाचा चाची और बहन के ज़ुल्मों की सारी हदें पार हो चुकी थी ... और अब उसे बिना बताये ...उसकी शादी कर दी गयी....

उसने इन 10 सालों में अपने आपको एक चुप्पी में कैद कर लिया था ...अब उसे कोई कुछ कहता तो वो बिना कुछ बोले मान जाती है ....बोलना ,हंसना तो वो भूल ही गयी है ....उसकी जिंदगी में बोलने और हंसने की ना कोई वजह थी और ना कोई ऐसा था ...जो उससे बातें करना चाहता हो .... इसलिए उसने अपने आपको अपने अंदर ही समेट लिया था ....


रजत का घर आ चुका था ...रजत बाहर निकल गया... लेकिन खुशी अभी बैठी रही ... क्योंकि उसे नहीं पता था कि घर आया है या नहीं ... और आगे क्या 

करना 

है वो इन सब बातों से अनजान थी ...जब रजत ने खुशी को अपने आसपास नहीं पाया तो उसने मुड़कर देखा .... खुशी अभी भी भावशून्य होकर बैठी थी ...रजत के चेहरे पर गुस्से के भाव आ गये .... लेकिन तभी एक दुबला पतला सा लड़का उसकी ओर दौड़ता हुआ आया....उसकी उम्र लगभग 17 साल थी ...उसने रजत से कहा " भैय्या... मैं ले आता हूं मेम साहब को ...


रजत ने लड़के को खुशी को लाने का इशारा किया तो लड़का दौड़ कर खुशी के पास गया और कार का दरवाजा खोल कर बोला " मैडम ...घर आ गया है ...आप बाहर आ जाईए...सर आपका इंतजार कर रहे हैं ... खुशी ने अपने लहंगे को संभाला और बाहर आ गयी ....वो एक बहुत ही खूबसूरत से घर के बाहर खड़ी थी ...उसके ठीक सामने एक सुंदर सा लॉन था ...जिसे देखकर खुशी को थोड़ा सुकून मिला ...अब वो पलटी ....तो सामने सफेद पत्थर से बना एक खूबसूरत सा बंगला था ....तभी उसकी नज़र रजत पर पड़ी ...रजत उसे उसी की तरह बिना किसी भाव के देख रहा था ...तभी लड़के ने खुशी को चलने के लिए कहा ...तो खुशी चलते हुए रजत के पास आ गयी ....

जैसे ही खुशी रजत के बगल में आकर खड़ी हुई...रजत उससे दूर होते हुए लड़के से बोला "जॉली ....इसे यहां के रूल्स और बाकी काम समझा दो ....अगर इससे एक भी गलती हुई तो सजा तुझे मिलेगी ....

लड़का जिसका नाम जॉली था उसने हां में सिर हिलाया तो रजत चला गया ... वहीं खुशी रजत को हैरानी से जाते हुए देखने लगी ...

जॉली ने खुशी को देखकर कहा " आप बहुत खूबसूरत हैं मैम...


खुशी ने खाली नजरों से जॉली को देखा ... और अंदर ही अंदर उसे एहसास हुआ कि पहली बार किसी ने उसकी तारीफ की ...उसको इज्जत दी है ...


जब जॉली ने खुशी को चेहरे पर कोई एक्सप्रेसन नहीं देखे तो वो उदास होकर बोला " आप भी बिल्कुल सर की तरह ही हैं.... लेकिन आपको यहां नहीं आना चाहिए था ...ये जगह आपके लिए नहीं है ....

खुशी ने बिना कुछ कहे चलना शुरू कर दिया तो जॉली भी उसके साथ चलते हुए बोला " आप इस घर में पहली औरत हैं....इससे पहले यहां कोई औरत नहीं आयी और ना ही यहां कोई औरत है .... इसलिए आपको और सावधानी से रहना होगा ...

जॉली अब खुशी के आगे आगे चलने लगा और फिर बोला " यहां सब लोग बहुत कम बातें करते हैं ....सब अपने काम से काम रखते हैं...वैसे तो रजत साहब ही हैं यहां और अब आप .... और....एक कमरे में एक वृद्ध आदमी है ..जो कभी बाहर नहीं आते हैं....शायद वो बीमार हैं.... और...आपको सुबह नाश्ते के लिए 8 बजे डायनिंग टेबल पर आना है ...एक मिनट भी लेट होने पर आपको नाश्ता नहीं दिया जायेगा ...नाश्ते की टेबल पर ही रजत सर से आपकी मुलाकात होगी और आपको जो बात करनी हो आप वहां कर सकती हैं....फिर दोपहर का खाना आपके कमरे‌ में पहूंचा दिया जायेगा ....आप बाहर नहीं आयेंगी क्योंकि तब सर यहां नहीं होंगे ....रात में 10‌बजे आपको फिर से डायनिंग टेबल पर आना है खाने के लिए....इस वक्त आपको कोई बात नहीं करनी है क्योंकि सर काम करके थक जाते हैं और गुस्से में रहते हैं ...

जॉली ने सारा काम ऐसे बता दिया मानो उसने रट लगा हो ... खुशी अब अंदर आ चुकी थी ...एक‌ से बढ़कर एक आलीशान कमरे थे यहां.... खुशी ने उदास आंखों से सब कुछ


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