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अपने एक भाई की दवा की दुकान है। उस दिन दुकान पर काफी भीड़ थी वह ग्राहको को दवाई दे रहा था.. दुकान से थोड़ी दूर पेड़ के नीचे वो बुजुर्ग औरत खड़ी थी। मेरी निगाह दो तीन बार उस महिला पर पड़ी तो देखा उसकी निगाह हमारी दुकान की तरफ ही थी।
भाई ग्राहकों को दवाई देता रहा, लेकिन मेरे मन में उस बुजुर्ग महिला के प्रति जिज्ञासा भी थी कि वो वहां खड़े खड़े क्या देख रही है। जब ग्राहक कुछ कम हुए तो भाई दुकान का काउंटर दुकान में काम करने वाले लड़के के हवाले कर मेरे साथ उस महिला के पास गया।
मैंने पूछा..”क्या हुआ माता जी कुछ चाहिए आपको.. मैं काफी देर से आपको यहां खड़े देख रही हूं, सर्दी भी काफी है इसलिए सोचा चलो मैं ही पूछ लेती हूं आपको क्या चाहिए ?
बुजुर्ग महिला इस सवाल पर कुछ सकपका सी गई फिर हिम्मत जुटा कर उसने पूछा… “बेटी काफी दिन हो गए मेरे दो बेटे हैं। दोनो दूसरे शहर में रहते हैं। हर बार इन सर्दियों की छुट्टियों में बच्चों के साथ मिलने आ जाते थे। इस बार उन्होंने कहीं पहाड़ों पर छुट्टियां मनाने का निर्णय लिया है। बेटी इसलिए इस बार वो हमारे पास नही आएंगे, यह समाचार मुझे कल शाम को ही मिला.. कल सारी रात ये बात सोच सोच कर परेशान रही.. एक मिनट भी सो नही सकी.. आज सोचा था तुम्हारी दुकान से दवाई लूंगी लेकिन दुकान पर भीड़ देखकर यही खड़ी हो गई। सोचा- जब कोई नही होगा तब तुमसे दवा पूछूंगी..
“हां हां बताइये ना मां जी.. कौन सी दवाई चाहिये आपको अभी ला देता हूं, भाई ने कहा.. आप बताइये न..
”बेटा कोई बच्चों को भूलने की दवाई है क्या…..?_अगर है तो ला दे बेटा…..भगवान तुम्हारा भला करेगा….?
इससे आगे के शब्द सुनने की हमारी हिम्मत ना थी। हमारे कान सुन्न हो चुके थे। मैं और भाई उसकी बातों का बिना कुछ जवाब दिये चुपचाप दुकान की तरफ लौट आए, क्योंकि उस बुजुर्ग महिला की दवा उसके बेटों के पास थी। जो शायद विश्व के किसी मेडिकल स्टोर पर नही मिलेगी.. अब मैं और भाई काउंटर के पीछे खड़े थे।
मन में विचारों की आंधी चल रही थी, लेकिन हम उस पेड़ के नीचे खड़ी उस मां से नजरें भी नही मिला पा रहे थे.. भाई की भरी दुकान भी उस महिला के लिए खाली थी.. हम कितना असहाय थे.. या तो ये हम जानते थे या भगवान…!
अब जब भी अपने शहर में ये सुनती हूं कि “इस बार सर्दी की छुट्टियों में हम गांव न जाकर कहीं और घूमने जा रहे हैं तो वो पेड़ के नीचे उन माता जी की वेदना अंदर तक झंझोड़ देती है। वह घटना संसार में माँ के प्रेम की वेदना का अहसास करा रही है।
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