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घायल शेर : स्पेनी लोक-कथा

Ghayal Sher: Spanish Folk Tale in Hindi


एक गरीब युवा लड़की काम के लिए भीख मांगती हुई इधर- उधर भटक रही थी। एक दिन वो एक किसान के घर पहुंची, जहाँ उसकी किस्मत बदली।

"मुझे एक ऐसे व्यक्ति की ज़रूरत है जो मेरी गायों को पाल सके। मैं तुम्हें एक मौका ज़रूर दूंगा," किसान ने कहा।

लड़की ने अपनी काबलियत साबित की। फिर एक दिन उसे घास के मैदान के पास एक कराह सुनाई दी। लड़की ने गायों को चरने के लिए छोड़ दिया। फिर उसने एक शेर को जमीन पर लेटा हुआ पाया।

"अरे बाप रे!" लड़की बड़बड़ाई। "तुम्हारे पैर में एक कांटा चुभा है। ज़रा चुप बैठो। मैं उसे बाहर निकाल दूंगी।"

लड़की ने कांटा निकल दिया। उसके बाद शेर ने अपनी बड़ी खुरदरी जीभ से लड़की का हाथ चाटा। लड़की ने अपने रूमाल से शेर के पंजे पर पट्टी बांधी।

लड़की घास के मैदान में लौटकर आई। पर गायें वहां से गायब थीं। घंटों खोजने के बाद भी वे उसे नहीं मिलीं। फिर उसने किसान को जाकर सच्चाई बताई।

"तुम गायों का पूरा झुंड कैसे खो सकती हो?" किसान लड़की पर गरजा। "मैं तुम्हें नौकरी से निकाल दूंगा।"

"क्या मैं कुछ और काम कर सकती हूँ ? " लड़की ने भीख माँगी।

"मैं तुम्हें गधों की देखभाल करने के लिए एक साल का समय दूंगा। फिर बाद में देखूँगा कि क्या तुम भरोसेमंद हो या नहीं।"

युवा लड़की अब हर दिन गधों को चराने ले जाती थी। एक साल के बाद, उसे वही शेर मिला पर इस बार उसके चेहरे पर गहरे घाव थे। लड़की ने शेर का चेहरा साफ किया, घाव पर जड़ी- बूटियों का मल्हम लगाया और अपने रूमाल से उसे पट्टी बांधी। एक बार फिर से धन्यवाद देने के लिए शेर ने लड़की का हाथ चाटा।

पर इस बार भी पहले की तरह ही, गधों का झुंड कहीं गुम हो गया। लड़की दुबारा फिर से किसान के क्रोध का सामना करने के लिए लौटी।

उसने उसे डांटा, लेकिन वह जानता था कि लड़की ने पूरे एक साल उसे अच्छी सेवा दी थी। "मैं तुम्हें एक आखिरी मौका दूंगा। तुम्हें सूअरों को चराने के लिए बाहर ले जाना होगा। अगर तुम उन्‍हें मोटा कर पाओगी तब तुम रह सकोगी।"

एक और साल बीत गया, और सूअर मोटे हो गए। लेकिन तभी लड़की को वही परिचित आवाज सुनाई दी। उसने अपने दोस्त शेर को गंभीर रूप से घायल पाया। उसने प्रत्येक घाव को धोया, जड़ी-बूटियों को इकट्ठा किया, और फिर अपनी स्कर्ट को फाड़कर पट्टियां बांधी। इस बार शेर बोला, "क्या तुम आराम करने तक मेरे साथ नहीं बैठोगी ?"

"मैं माफ़ी चाहती हूँ, लेकिन मुझे जाना होगा और किसान के सूअरों को देखना होगा," उसने कहा।

वो सुअरों को खोजने के लिए दौड़ी, लेकिन उसे ऐसा लगा जैसे पृथ्वी उन्हें निगल गई हो। घंटों खोजने के बाद वो एक पेड़ पर चढ़ गई। पर उसे सुअर नहीं दिखे, लेकिन उसे कुछ चौंकाने वाला ज़रूर दिखा। ढीले-ढाले कपड़े पहना एक आदमी रास्ते पर चल रहा था, फिर उसने एक चट्टान हटाई और और फिर उसमें गायब हो गया।

"वह कौन था?" लड़की को आश्चर्य हुआ। "अब मुझ में किसान के क्रोध का सामना करने के लिए घर जाने की हिम्मत नहीं है, इसलिए मैं बस यहीं इंतजार करूंगी और देखूंगी।"

वो सूरज उगने तक पेड़ पर ही बैठी रही। अचानक, चट्टान खिसकी ओर वही शेर उसे रास्ते पर चलता हुआ दिखा।

"शेर!" लड़की फुसफुसाई। "वो आदमी कहाँ गया?"

लड़की पेड़ से नीचे उतरी, उसने चट्टान को एक तरफ धकेला, और फिर एक बड़े कमरे में पहुंची। उसने अंदर झांका। उसे वहां बढ़िया खाना दिखा जिसे उसने पेट भर कर खाया। फिर खाना खाने के बाद उसने कमरे की सफाई की और झाड़ू लगाई।

उस शाम, वो पेड़ से तब तक देखती रही जब तक कि वो आदमी वापस नहीं आया। अगली सुबह, दुबारा फिर शेर बाहर निकला। फिर से, वो छिपे हुए कमरे में गई, उसने खाना खाया और सफाई की। इसी तरह कई दिन बीतने के बाद, लड़की ने रास्ते में आदमी की प्रतीक्षा की।

"मुझे लगा कि वो आप ही होंगी जो मेरे कमरे की सफाई कर रही थीं," आदमी ने कहा।

"आप मुझे कैसे जानते हैं? और आप सुबह को शेर के रूप में अपना कमरा क्‍यों छोड़ते हैं और फिर शाम को एक आदमी के रूप में लौटते हैं?" उसने पूछा।

"एक राक्षस इस बात से नाराज था कि मैं एक राजकुमार था जिसे लोग बहुत प्यार करते थे। दिन में मैं शेर बन जाता हूं जिसकी आपने कई बार मदद की," उस आदमी ने समझाया। "उस राक्षस ने बदला लेने के लिए ही आपके जानवरों को चुराया। उसके जादू टोने को तोड़ने के लिए उसे राजकुमारी के बालों से बना एक कोट देना होगा।"

"ठीक है, मैं शहर जाऊंगी और आज शहर में काम खोजूंगी मुझे राजकुमारी के बालों की एक लट ज़रूर मिल जाएगी ," लड़की ने वादा किया ।

अगले दिन उसने अपने बालों को सावधानी से बनाया और फिर महल के पास जाकर चिल्लाई , "क्या कोई मुझे काम पर रखेगा?" राजकुमारी की एक दासी ने उसे सुना। "तुम क्या काम कर सकती हो?" उसने पूछा।

"मैं किसी के भी बालों को सोने की तरह चमकदार बना सकती हूँ " उसने जवाब दिया।

"फिर मेरे साथ आओ," नौकरानी ने कहा। हर दिन, लड़की ने राजकुमारी के बालों को तब तक ब्रश किया जब तक वे सूरज की किरणों की तरह चमकने नहीं लगे।

एक दिन, लड़की ने हिम्मत बटोरी और राजकुमारी से पूछा कि क्‍या वो उसके बालों की एक लट ले सकती थी। राजकुमारी ने पहले तो मना किया लेकिन जब लड़की ने बहुत भीख मांगी तब उसने उसे दे दिया।

"तुम मेरे बालों की एक लड़ी ले सकती हो," राजकुमारी ने कहा, "पर तुम्हें मुझे खुश करने के लिए एक सुंदर राजकुमार ढूंढ़ना होगा।"

लड़की सहमत हो गई। फिर उसने बालों की एक लड़ी काटी और उसे एक कोट में बुना जो रेशम की तरह चमकने लगा। फिर वो उसे गरीब शेर वाले आदमी के पास लेकर गई, जिसने उसे राक्षस को खोजने का रास्ता बताया।

जब राक्षस ने लड़की को पहाड़ पर चढ़ते हुए सुना, तो वो एक हाथ में अपनी तलवार और दूसरे हाथ में एक गदा लेकर भागा हुआ आया।

"रुको! मैं तुम्हारे लिए एक कोट लाई हूँ! " लड़की ने कहा। लेकिन कोट बहुत छोटा था और राक्षस ने उसे नीचे फेंक दिया। "मुझे माफ़ करें। मैं फिर से कोशिश करूँगी," उसने वादा किया।

अगली सुबह, लड़की ने राजकुमारी से बड़ी आरज़ू-मिन्‍नत करके उसके बालों की एक और लड़ी ली। फिर लड़की ने एक बड़ा कोट बनाया और दुबारा पहाड़ पर लौटी। इस बार राक्षस को कोट फिट आया, और उसने लड़की को इनाम देने की पेशकश की।

"कृपया उस शेर वाले आदमी पर से जादू-टोना हटाओ," उसने भीख मांगी।

राक्षस ने उत्तर दिया, "उसके लिए तुम्हें शेर को मारना होगा। फिर उसे जलाकर उसकी राख पानी में फैंकनी होगी। तब तुम्हें राजकुमार मिलेगा।"

आदमी को यह सब बताते समय लड़की रोने लगी।

"जैसा उसने कहा है तुम वैसा ही करो। मुझ पर भरोसा रखो," आदमी ने कहा।

अगली सुबह लड़की ने शेर को मार डाला। जब उसने पानी में राख डाली तब पानी में से एक सुंदर युवा राजकुमार बाहर आया।

"बहुत धन्यवाद, तुमने मुझे बचा लिया है। अब मैं तुम से अपनी पत्नी बनने के लिए कह सकता हूं।"

युवा लड़की ने उसे आंसू भरी आँखों से देखा। "लेकिन मैंने राजकुमारी से वादा किया है कि मैं उसे खुश करने के लिए एक राजकुमार खोजूंगी।"

राजकुमार ने जवाब दिया, "डरने की कोई बात नहीं है। तुम देखो, मैं राजा का बेटा हूं। वो राजकुमारी मेरी बहन है। चलो, अब हम महल में चलें। अपने भाई से मिलकर राजकुमारी बहुत खुशी हुई।"

राजा, रानी और राजकुमारी सभी राजकुमार की वापसी से बेहद खुश हुए। राजा ने युवा लड़की के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए शादी के लिए सहमति दी। और फिर पूरे शहर ने जश्न मनाया!


The Princess and the Pea (Danish story) by Hans Christian Andersen


राजकुमारी और मटर का दाना ( डैनिश कहानी)

Hans Christian Andersen


Once upon a time there was a prince who wanted to get married. He needed a princess. His fairies had brought him up with great love. Therefore, it was his pledge and insistence that his future wife should also be a true princess for him.


But there was no princess in his kingdom who could truly become a princess for him. So the prince started roaming around the world in search of his wife. Every princess we met had some flaw or the other. Some had a high nose, some were short and some had a flaw in their gait. So there was something wrong in someone's voice. Despite so much searching, there is no such thing. He returned to his kingdom disappointed as he did not find a princess whom he could make his wife. He thought that maybe there is no happiness of his wife in his life.


One day when he returned to his palace, it started raining heavily. Dark clouds appeared in the sky. And the sound of thundering lightning shook the walls of the palace. Everyone gathered near the palace, lit a fire and started watching the havoc of nature. Just then the sound of someone knocking on the gate was heard at the main gate of the palace.


When the prince's father i.e. the Maharaj opened the door. So a very beautiful princess was standing outside. Her long golden thick hair was getting wet in the rain. And water was dripping from her silk shoes. She said she is a princess. He said that he was returning to his state from a nearby state. Seeing her in such a condition, the king could not believe that she was a princess.


The king wondered whether she was telling the truth. The king brought him inside. And the queen said after being introduced to everyone. It is difficult to believe in your condition. I have never seen such a disheveled princess.


The clever queen saw something black in the lentils because she had to protect the palace. The queen devised a trick to find out the truth. He took a dry pea from home. And placed it in the middle of his bed inside the guest room. And then placed the softest mattresses on top of that pea.


No one would have seen such attractive soft mattresses. The princess's preferences could be gauged from these mattresses. The first mattress is dark soft color. The second one is purple. Which was made of good threads. Third white colored strap mattress. Spring mattresses. Zari mattresses are very good and soft mattresses. And mattresses made of gold threads.


On which there were beautiful pictures. The designs were made. After placing all these soft mattresses on the pea, the princess was made to sleep on it. The Queen said after the unnecessary effort of placing so many mattresses on top of the peas. -Now let's check whether she is a princess or not.


After sleeping on so many mattresses, when the princess came to have breakfast in the morning. So she was feeling unwell. The queen asked the princess whether she slept well. So the princess replied. No, I could not sleep, something was pricking me on the bed. Which was harder than stone, I think. It was just an iron ball for putting in caps. Which has left scars all over my body. All the family members started laughing.


Because that princess was a real princess. And this was known to everyone. Because only a princess could have such soft and tender skin. And then the prince married the princess. And then the pea was taken out of the bed and placed in the state museum. Where that pea is still safe.



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