मेरी ज़िंदगी में सब कुछ ठीक चल रहा था, जब तक मेरे पिता हमारे साथ थे। 2009 में उनके देहांत के बाद, मैं और मेरी मां अकेले रह गए। पापा के जाने के बाद परिवार में मेरी जिम्मेदारियां बढ़ गईं। मैनें शादी के लिए मेट्रीमोनियल साइट्स पर प्रोफाइल बनाई, लेकिन वहां जाकर यह एहसास हुआ कि समाज में महीने के 80 हजार कमाने वाले लड़कों की भी वैल्यू नहीं होती, खासकर जब वे अपनी मां के साथ रहते हों।
दो साल की कोशिशों के बाद, मेरी मुलाकात ऑफिस में काम करने वाली मेरी जूनियर से हुई। वह समझदार और सुलझी हुई थी। उसके परिवार को भी मैं पसंद आया, और मेरी मां ने भी हामी भर दी। हमारी शादी हो गई। हमारी शादीशुदा जिंदगी अच्छे से चल रही थी। दो साल बाद हमारे घर एक बेटे का जन्म हुआ। वह मेरी तरह दिखता था और मुझसे बहुत प्यार करता था। हम एक खुशहाल परिवार की तरह रहते थे।
लेकिन धीरे-धीरे सब कुछ बदलने लगा। एक दिन मुझे पता चला कि मेरी पत्नी का अपने ऑफिस के एक सहकर्मी के साथ अफेयर चल रहा है। यह सुनकर मुझे गुस्सा तो बहुत आया, लेकिन मैंने खुद को शांत रखा। रात में मैंने उससे इस बारे में बात की। मैंने उसे समझाया कि हमारे पास एक परिवार है, एक बेटा है, और इस रिश्ते से हमारा सब कुछ बर्बाद हो सकता है। उसने कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन अगली सुबह वह मुझसे बात करना ही बंद कर दी।
हमारे बीच दूरियां बढ़ने लगीं। मैंने कई बार उससे बात करने की कोशिश की, लेकिन हर बार वह यह कहकर टाल देती कि उसे अब इस रिश्ते में पहले जैसी फीलिंग नहीं रही। यह सुनकर मैं अंदर से टूट गया।
एक दिन वह बिना कुछ बताए मेरे बेटे को लेकर घर छोड़कर चली गई। मेरी मां, जो 70 साल की थीं, यह समझ नहीं पा रही थीं कि उनकी बहू और पोता कहां गए। मैं उनसे कहता कि वे घूमने गए हैं, लेकिन जब महीनों तक वह वापस नहीं आई, तो मुझे मां को सच बताना पड़ा। इस बात से मां इतनी आहत हुईं कि तीन महीने के भीतर ही उनका निधन हो गया।
चार साल बाद, जब मैंने अपने दोस्तों और पत्नी के मायके वालों के कहने पर बेटे से मिलने की अनुमति पाई, तो मुझे लगा कि शायद चीजें सुधर रही हैं। मेरा बेटा मुझे देखकर दौड़कर मेरे पास आया। वह बहुत खुश था और मेरे साथ समय बिताना चाहता था। मैं उसे बाइक पर बिठाकर आइसक्रीम खिलाने ले गया।
लेकिन जब हम लौटे, तो चार पुलिसवाले मुझे सड़क पर पकड़कर ले गए। मेरी पत्नी ने मुझ पर अपने ही बेटे के किडनैप का आरोप लगा दिया। मुझे जेल में डाल दिया गया, और आज तक मैं उस केस का सामना कर रहा हूं।
हमारा कानूनी रूप से तलाक भी नहीं हुआ था, और मैं उस समय भी अपने बेटे का गार्जियन था। कानूनन, एक गार्जियन अपने बच्चे का किडनैपर नहीं हो सकता। लेकिन इन बातों का कोई महत्व नहीं था।
आज मैं अपने बेटे से मिलने के लिए तरस रहा हूं और अपने अतीत के गलत फैसलों का खामियाजा भुगत रहा हूं। इस अनुभव ने मुझे सिखाया कि जीवन में रिश्तों को चुनते समय सतर्क रहना कितना जरूरी है। भरोसे का गलत इस्तेमाल किसी की पूरी जिंदगी बर्बाद कर सकता है।
Everything was going well in my life, as long as my father was with us. After her demise in 2009, me and my mother left alone. My responsibilities in the family increased after papa left. I made a profile on metrimonial sites for marriage, but I went there to realize that even boys earning 80k monthly in society have no value, especially when they are with their mothers.
After two years of trying, I met my junior working in the office. She was wise and sorted. Her family liked me, and my mom also filled me. We got married. Our married life was going well. Two years later a son was born in our house. He looked like me and loved me so much. We lived like a happy family.
But slowly everything began to change. One day I found out that my wife is having an affair with one of her office colleague. This made me angry but I kept myself calm. I talked to her about this last night. I explained to him that we have a family, a son, and this relationship could ruin us everything. She gave no reply but she stopped talking to me the next morning.
The distance between us began to grow. I tried to talk to her many times, but every time she avoided saying she no longer feels the same in this relationship. I broke inside hearing this.
One day she left home with my son without telling anything. My mother, who was 70 years old, couldn't figure out where her daughter-in-law and grandson went. I tell her they went for a trip but when she didn't come back for months I had to tell mom the truth. Mother was so hurt by the fact that she passed away within three months.
Four years later, when I was allowed to meet my son at my friends and wife's parents say, I thought things probably were improving. My son came running to me seeing me. He was so happy and wanted to spend time with me. I took her to feed her ice cream on the bike.
But when we returned, four policemen caught me on the road. My wife accused me of kidnaping her own son. I was jailed, and I'm still facing that case.
We weren't even legally divorced, and I was my son's Guardian back then too. Law, a Guardian cannot be his child's kidnapper. But these things had no importance.
Today I am longing to meet my son and suffering from the wrong decisions of my past. This experience taught me how important it is to be vigilant when choosing relationships in life. Misuse of trust can ruin someone's whole life.
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