आखिर कौन घुसना चाहेगा ऐसी दुकान में

आखिर कौन घुसना चाहेगा ऐसी दुकान में, , समान के नाम पर छोटी मोटी चीज हैं, जो समान होगा वो भी पुराना होगा 


एक ऐसा सोच के हम लोग अकसर ऐसी दुकानों के पास से गुजर जाते हैं

रक्षाबंधन था, तो मेरे एक मित्र की बहन सुबह सुबह 130 किलोमीटर दूर से दोस्त के यहां राखी बांधने आई उसने साथ उनका 2 साल का बच्चा भी था और साथ में जीजा जी लेके आए थे 


पर वापस जाते समय बस में जबरदस्त भीड़ थी, और बच्चे को इतने भीड़ में ली जाने की हिम्मत उनमें नही थी क्यों की सफर लंबा था, 


तभी दोस्त का फोन आता है, और हम गाड़ी लेके उसके घर निकल लेते हैं क्यों की जाकिर खान ने एक वीडियो में बोला था, लडको की दोस्ती एक सिद्धांत पर चलती है 


" भाई ने बोला है करना है तो करना है " 


बस निकल लिए गाड़ी को लेके, 


तकरीबन एक घंटे बाद बाबू नींद से जागा और उसे जरीर थी दूध की दीदी ने जब दूध की बोटल निकाली तो देखा दूध खराब हो गया था, 


अब क्या किया जाए बड़ी दुविधा थी जल्दी जल्दी में पाउडर वाला दूध भी नही रखा था 


थोड़ी दूर जाने पर एक बड़ा होटल मिला, वहां गाड़ी साइड में लगा कर हम बोला की पाउडर वाला दूध हैं ? 


या बच्चे के पिलाने के लिए दूध है ?? उनका सीधा जवाब था पैकेट वाला दूध हैं 2 ltr का थोड़ा सा नही मिलेगा पूरा पैकेट लेना होगा 


अब बच्चा रोया जा रहा था, तो यही सोचा की ले लेते हैं 


लेकिन बच्चे को सिर्फ 200 ML ki जरूरत थी हम बोला ठीक है देदो बाकी दूध हम लोग दूसरी बोतल में रख लेंगे 


क्यों की पैकेट बंद दूध बहुत ज्यादा ठंडा रहता है तो हम लोगो ने बोला की भाई इसे गर्म कर दो इतना की बच्चा पी सके, होटल के कारीगर ने तुरंत मना कर दिया


और कहा गर्म नही हो पाएगा ऐसे ही ले जाओ 

पर ठंडा दूध किसी काम का नही था इस बड़े रेस्टुरेंट को छोड़ आगे बढ़े 


लगभग 700 मीटर आने पर ये छोटी सी दुकान लगी, मैंने गाड़ी किनारी लगाई तो जीजा जी बोले अरे क्या ruk रहे हो, दुकान की हालत तो देखो 


पर हम लोग दुकान में घूसे वहां एक दादा थे हमने बोला थोड़ा दूध मिल जाएगा क्या बच्चे के लिए 


पहले उन्हीने बोला हां मिल जाएगा, लेकिन भैंस का दूध है पैकेट वाला नही 

तभी दीदी बोली अरे हां यही चाहिए 


फिर उन्हें बोतल दी बोतल में से खराब दूध की महक आराहि थी उन्होंने पानी गर्म कर उसमे बोतल को डाल दिया 


और दूसरे तरफ दूध गुनगुना कर दिया और बोतल में दूध भर के दे दिया सफर लंबा था तो दीदी ने एक बोतल में और दूध ले लिया, 

लगभग 700 ml दूध था, 


मैने बोला दादा पैसे कितने हुए, उन्होंने बोला अरे बच्चे के दूध का क्या पैसा लेना, हमें बोला अरे आप भी तो किसी से खरीदें होंगे, 


तो उनका जवाब था, मुनाफा कमाने के लिए खरीदा जाता है चाय पीते तो पैसे लेते, 1 साल के बच्चे के लिए क्या पैसे लिया जाय 


फिर हम सब ने पानी की 2 बोतल li, 4 चाय पी और धन्यवाद बोलते हुए अपने रस्ते पर निकल गए 


अकसर हम लोग छोटी दुकान पर सिर्फ उनका हुलिया देख के नही रुकते हैं

पर ये भूल जाते हैं की यदि उनके पास इतने पैसे होते तो क्या वो ऐसी दुकान चलाते ?? 

और पैसा कमाने के लिए दुकान खोली है और हमारे जैसे उपभोक्ता ही उनकी दुकान पर नही गए तो पैसे कैसे कमाएंगे वो ? 


ये लोग हम पर निर्भर हैं और इमरजेंसी में केस में हम लोग इनपर, इस लिए जब भी बाहर जाइए तो ऐसे दुकानदार के पास जरूर रुकिए, क्या पता आप के वजह से उनके घर में आज चूल्हा जले 


क्या आप भी मेरी तरह ऐसी दुकानों पर से समान लेते हैं 

तो कमेंट करके जरूर बताइए


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