गांव की एक सुंदर नवयुवती

गांव की एक सुंदर नवयुवती, रीमा, अपने तीन साल के बच्चे को चिड़ियाघर घुमा रही थी। वहीं पांच-सात कॉलेज के लड़के उसे बार-बार देखते हुए आपस में कुछ बातें कर रहे थे। वे उस खूबसूरत, अकेली देहाती युवती के पीछे हो लिए। रीमा अपने बच्चे को कभी गोद में तो कभी उंगली पकड़े बारी-बारी से जानवरों को दिखा रही थी। पीछे लगे आवारा लड़कों से बिल्कुल बेखबर...


"चलती है क्या नौ से बारह" फिल्मी गाने गाते हुए वे उसे कट मारकर अट्टहास करते आगे निकल गए। रीमा ने उन पर ध्यान नहीं दिया। वह हिरन के बाड़े के पास अपने बच्चे को उन्हें दिखा रही थी। बच्चा चहकता हुआ उन्हें देख रहा था। आवारा लड़के उस युवती को घूर रहे थे। वे बगल में ही शेर के बाड़े के पास जोर से उसे देख फब्तियां कस रहे थे।


उनमें से एक लड़का पूरे जोश में था। बाड़े के ऊपर लगे ग्रिल पर बैठ भद्दे गाने गा रहा था। रीमा बच्चे को लिए शेर को दिखाने बढ़ चली थी। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि उसे उन लड़कों से तनिक भी भय नहीं या वह उन्हें अनदेखा-अनसुना कर रही है। युवक अतिउत्साहित हो उठा। सभी ठहाके लगा रहे थे। रीमा बाड़े के पास पहुंच चुकी थी। तभी बाड़े के ऊपर चढ़ा लड़का लड़खड़ाते हुए बाड़े के अंदर गिर पड़ा। लोगों के होश फाख्ता हो गए।


बाड़े से दूर बैठा शेर उठ चुका था। उसने गुर्राते हुए कदम धीरे-धीरे लड़के की तरफ बढ़ा दिया। उसके दोस्त असहाय होकर खड़े थे और सिर्फ चिल्ला रहे थे। भागता हुआ एक गार्ड आकर शेर को आवाज देकर जाने को कह रहा था। एक मिनट के भीतर अफरा-तफरी मच चुकी थी। शेर को आता देख गिरा हुआ लड़का डर से कांप रहा था। उसके जोश के साथ शायद होश भी ठंडे पड़ चुके थे।


"माँ... माँ... बचाओ... बचाओ" की आवाज लगातार तेज हो रही थी और शेर की चाल भी।


तभी उस देहाती युवती, रीमा, ने अपने बदन से साढ़े पांच मीटर लंबी साड़ी उतारकर बाड़े में लटका दिया। बाड़े में गिरे लड़के ने तुरंत उस साड़ी का सिरा मजबूती से पकड़ लिया। फिर लोगों की मदद से उसे निकाल लिया गया। गार्ड युवक को संभालता हुआ बोल पड़ा, "पहले तुम्हारी माँ ने जन्म दिया था, आज इस युवती ने तुम्हें दुबारा जन्म दिया है।"


सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में खड़ी वह अर्धनग्न युवती, अब उन लड़कों को उनकी माँ नजर आ रही थी।


अतः, हो सके तो किसी को बेवजह सताओ नहीं। पता नहीं वह कब तुम्हारे लिए मददगार बनकर खड़ा हो जाए। स्त्रियों को हमेशा सम्मान करो।


सिर्फ तुम्हारी जिद के कारण में अपनी बीवी को घर से नहीं निकालूंगा , अम्मा ..............


कचहरी के बाहर चाय की थड़ी पर बैठा राहुल अपनी बारी का इंतजार कर रहा था। आज उसका और उसकी पत्नी रिया का तलाक होने वाला था। तलाक वह अपनी मर्जी से ले रहा था, पर फिर भी उसे खुशी नहीं थी। तभी रिया अपने माता-पिता के साथ आती हुई दिखी। आज रिया ने शिफॉन की हरे रंग की साड़ी पहन रखी थी, वही साड़ी जो राहुल मुंबई से उसके लिए लाया था। उसी साड़ी के कारण घर में काफी बवाल हुआ था और अम्मा ने कसम खा ली थी कि वह रिया को इस घर में नहीं देखना चाहती।


राहुल और रिया की शादी दस महीने पहले हुई थी। अम्मा ने ही रिया को राहुल के लिए पसंद किया था। शादी की तैयारियां अम्मा ने खुद की थी, और उनके चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी। शादी का दिन आ गया, और सबकुछ अच्छे से हो गया। लेकिन विदाई के समय अम्मा जी के बड़े भाई शंभू दयाल जी की लापरवाही के कारण बुआ सास के पोते को शगुन का लिफाफा नहीं मिला। इस बात को लेकर बुआ सास ने बखेड़ा खड़ा कर दिया।


अम्मा ने रिया को इस बात के लिए खूब सुनाया, और रिया ने अपने पापा से उस लिस्ट की फोटो मंगा ली। लेकिन अम्मा ने इस बात को दिल पर ले लिया और रिया को जिम्मेदार ठहराया। घर का माहौल तनावपूर्ण हो गया और राहुल और रिया के रिश्ते पर इसका बुरा असर पड़ा।


राहुल ने मुंबई से रिया के लिए हरे रंग की शिफॉन की साड़ी खरीदी थी। रिया उसे पहनकर आईने के सामने खड़ी थी, तभी अम्मा ने तंज कसा और रिया को बुरा लगा। बात बढ़ते-बढ़ते तलाक तक पहुंच गई।


राहुल और रिया कचहरी में तलाक के लिए पहुंचे, लेकिन राहुल के हाथ साइन करते समय कांपने लगे। रिया ने पूछा, "क्या हुआ राहुल, तुम्हारी तबीयत ठीक है?" राहुल ने कहा, "क्या हमारा तलाक लेना जरूरी है?" रिया ने जवाब दिया, "तलाक मैंने नहीं तुमने मांगा था। अगर तलाक नहीं लेंगे तो फिर अम्मा..."


राहुल ने रिया की बात काटते हुए कहा, "तुम अम्मा की बात छोड़ो। मैं वो गलतियां नहीं दोहराऊँगा। क्या हमारा तलाक लेना जरूरी है? हम एक नई शुरुआत नहीं कर सकते?"


रिया ने कहा, "मुझे तलाक नहीं चाहिए। पर क्या तुम अपनी अम्मा का सामना कर पाओगे?"


राहुल ने तलाक के पेपर फाड़ दिए और रिया के माता-पिता की आंखों में आंसू आ गए। राहुल ने रिया को उसके माता-पिता के साथ भेज दिया और खुद ऑफिस के पास किराए का घर ढूंढने निकल गया। अम्मा ने कहा, "मिल गया छुटकारा उस आफत से?" राहुल ने जवाब दिया, "मैंने तलाक के पेपर फाड़ दिए। मुझे अपनी पत्नी से तलाक नहीं चाहिए।"


अम्मा ने कहा, "क्यों? क्यों नहीं चाहिए तलाक? तुझे कहा था ना या तो इस घर में वो ही रहेगी या फिर मैं।"


राहुल ने कहा, "अम्मा, यह आपका घर है, आप यहीं रहिए। मैंने बाहर बंदोबस्त कर लिया है। मैं रिया के साथ वहीं रहूंगा।"


अम्मा ने फिर इमोशनल ब्लैकमेल करने की कोशिश की, लेकिन राहुल ने कहा, "बस भी करो अम्मा। कब तक इमोशनल ब्लैकमेल करोगी। अम्मा, तेरी जिद के कारण मैं अपने घर को नहीं टूटने दूंगा। अब हमें भी खुश रहने दीजिए।"


राहुल ने अपना सामान पैक किया और रिया के साथ नई गृहस्थी बसाने के लिए रवाना हो गया।


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