प्रिंस हुसैन और राजकुमारी मार्गियाना:
बहुत समय पहले वहाँ नज़र नाम का एक राजा राज्य करता था। उन्होंने राज्य पर शांति और समृद्धि से शासन किया। उन्होंने शांतिपूर्ण जीवन भी व्यतीत किया। लेकिन उसे एक समस्या थी. उनका बेटा प्रिंस हुसैन शादी करने को तैयार नहीं था। कई युवतियों और राजकुमारियों ने उस राजकुमार से शादी करने की कोशिश की जो बहुत सुंदर था। लेकिन राजकुमार ने किसी से भी शादी करने से इनकार कर दिया.
उस समय पड़ोसी राज्य पर राजा दाऊद का शासन था। उनकी भी यही समस्या थी. उनकी बेटी राजकुमारी मार्जिआना भी किसी से शादी करने को तैयार नहीं थी।
राजा नज़र ने अपने बेटे को शादी के लिए मनाने की कोशिश की। लेकिन यह व्यर्थ था. इसलिए वह क्रोधित हो गया और उसे राज्य से बाहर भेज दिया।
राजा दाऊद को लगा कि उसकी बेटी पागल हो गई है। इसलिए उसने घोषणा की कि जो कोई भी उसके पागलपन को ठीक करेगा उसे अच्छा इनाम दिया जाएगा।
उस रात राजकुमार को एक सपना आया जिसमें उसने राजकुमारी मैगियाना को देखा और पहली नजर में ही उससे प्यार कर बैठा। तभी वह उठा और उसने अपने चारों ओर कुछ परियों को उड़ते देखा। उन्हें राजकुमार पर दया आ गई और उन्होंने कहा, “जिस सुंदर राजकुमारी को तुमने सपने में देखा था, वह पड़ोसी राज्य की राजकुमारी मार्जियाना है। उसके राज्य में जाओ और उससे शादी करो"।
बुद्धिमान राजकुमारी मार्जिआना की तरह ही राजकुमार हुसैन ने भी सपना देखा था। उसे भी उससे प्यार हो गया.
प्रिंस हुसैन अपने पिता नज़र के पास गए और उन्हें कल रात हुई घटना के बारे में बताया और मार्जियाना से शादी करना चाहते थे।
शहजादा हुसैन दौड़कर राजा दाऊद के पास गया और बोला, “मैं तुम्हारी बेटी का पागलपन ठीक कर सकता हूँ। मैं ही कर सकता हूँ. लेकिन एक शर्त पर. यदि मैंने उसे ठीक कर दिया तो आपको मुझे उससे विवाह करने की अनुमति देनी होगी"।
राजा ने तुरंत स्वीकार कर लिया क्योंकि राजकुमार सुंदर था और उसे ठीक करने को तैयार था। राजा राजकुमार को अपनी बेटी के कक्ष में ले गया। राजकुमार हुसैन को देखकर मगियाना आश्चर्यचकित हो गई और बोली, “आप वही राजकुमार हैं जिन्हें मैंने सपने में देखा था। मैं तुमसे शादी करना चाहता हूँ।"
राजा दाऊद ने अपने बेटे की मगियाना से शादी के लिए सहमति लेने के लिए राजा नज़र के पास एक दूत भेजा। नज़र ने ख़ुशी से अपनी सहमति दे दी. इसलिए दोनों राजाओं के बीच में, राजकुमार ने राजकुमारी से शादी कर ली और वे अपने राज्य में चले गए और वहां खुशी से रहने लगे।
Hussein and Princess Margiana:
Long long ago there ruled a king by name Nazar. He ruled the kingdom in peace and prosperity. He also led a peaceful life. But he had a problem. Prince Hussein, his son was not willing to marry. Many maidens and princesses tried to marry the prince who was very handsome. But the prince refused to marry anybody.
The neighboring kingdom was then ruled by King Dawood. He also had the same problem. His daughter princess Margiana was also not willing to marry anybody.
King Nazar tried to convince his son to marry. But it was in vain. So he grew angry and sent him out of the kingdom.
King Dawood thought that his daughter had become mad. So he declared that anyone who cured her madness would be rewarded well.
That night the Prince had a dream in which he saw Princess Magiana and fell in love with her at first sight. Then he woke up and saw some fairies flying around him. They felt pity on the Prince and said, “The beautiful Princess you saw in your dream is Margiana, the Princess of the neighbouring kingdom. Go to her kingdom and marry her".
Like wise Princess Margiana too dreamt about Prince Hussain. She too fell in love with him.
Prince Hussain went to his father Nazar and told him about the incident that happened last night and wanted to marry Margiana.
Prince Hussein rushed to King Dawood and said, “I can cure your daughter’s madness. I only can. But on one condition. If I cured her you must allow me to marry her".
The king readily accepted as the Prince was handsome and willing to cure her. The King led the prince to his daughter’s chamber. On seeing prince Hussain, Magiana was amazed and said “You are the prince I saw in my dream. I want to marry you."
King Dawood sent a messenger to King Nazar to get his consent to his son’s marriage with magiana. Nazar gave his consent happily. So in the midst ot the two kings, the prince married the princess and they went to their kingdom and lived happily there.
प्रेम रोग
जो घर से भाग जाती है उन सभी लड़कियों के नाम सुंदर सन्देश ''पापा राज बहुत अच्छा है ...
मैं उससे ही शादी करूंगी..वरना !! '
पापा ने बेटी के ये शब्द सुनकर एक घडी को तो सन्न रह गए .
फिर सामान्य होते हुए बोले -'
ठीक है पर पहले मैं
तुम्हारे साथ मिलकर उसकी परीक्षा लेना चाहता हूँ तभी
होगा तुम्हारा विवाह राज से...
कहो मंज़ूर है ?
'बेटी चहकते हुए
बोली -''हाँ मंज़ूर है मुझे ..
राज से अच्छा जीवन साथी कोई हो
ही नहीं सकता..
वो हर परीक्षा में सफल होगा ..
आप नहीं जानते पापा राज को !'
अगले दिन कॉलेज में नेहा जब राज से मिली तो उसका मुंह लटका हुआ था.. राज मुस्कुराते हुए बोला
-'क्या बात है स्वीट हार्ट..
इतना उदास क्यों हो ....
तुम मुस्कुरा दो वरना मैं अपनी जान दे दूंगा .''
नेहा झुंझलाते हुए
बोली -'राज मजाक छोडो ....
पापा ने हमारे विवाह के लिए
इंकार कर दिया है ...
अब क्या होगा ?
राज हवा में बात उडाता
हुआ बोला होगा क्या ...
हम घर से भाग जायेंगे और कोर्ट
मैरिज कर वापस आ जायेंगें .''
नेहा उसे बीच में टोकते हुए बोली
पर इस सबके लिए तो पैसों की जरूरत होगी.. क्या तुम मैनेज
कर लोगे ?'' ''
ओह बस यही दिक्कत है ...
मैं तुम्हारे लिए जान दे सकता हूँ पर इस वक्त मेरे पास पैसे नहीं ...
हो सकता है घर से भागने के बाद हमें कही होटल में छिपकर रहना पड़े..
तुम ऐसा करो, तुम्हारे पास और तुम्हारे घर में जो कुछ भी चाँदी -सोना -नकदी तुम्हारे हाथ लगे तुम ले आना ...
वैसे मैं भी कोशिश करूंगा ...
कल को तुम घर से कहकर आना कि
तुम कॉलेज जा रही हो और यहाँ से
हम फर हो जायेंगे...
सपनों को सच करने के लिए !''
नेहा भोली बनते हुए बोली
-''पर इससे तो मेरी व् मेरे परिवार कि बहुत बदनामी होगी ''
राज लापरवाही के साथ बोला
-''बदनामी , वो तो होती रहती है ...
तुम इसकी परवाह मत करो..''
राज इससे आगे कुछ कहता उससे पूर्व ही नेहा ने उसके गाल पर जोरदार तमाचा रसीद कर दिया..
नेहा भड़कते हुयी बोली
-''हर बात पर जान देने को तैयार बदतमीज़ तुझे ये तक परवाह नहीं जिससे तू प्यार करता है उसकी और उसके परिवार की समाज में बदनामी हो ....
प्रेम का दावा करता है...
बदतमीज़ ये जान ले कि मैं वो अंधी
प्रेमिका नहीं जो पिता की इज्ज़त की धज्जियाँ उड़ा कर ऐय्याशी करती फिरूं .कौन से सपने सच हो जायेंगे ....
जब मेरे भाग जाने पर मेरे पिता जहर खाकर प्राण दे देंगें !
मैं अपने पिता की इज्ज़त नीलाम कर तेरे साथ भाग जाऊँगी तो समाज में और ससुराल में मेरी बड़ी इज्ज़त होगी ...वे अपने सिर माथे पर बैठायेंगें...और सपनों की दुनिया इस समाज से कहीं अलग होगी...
हमें रहना तो इसी समाज में हैं ...
घर से भागकर क्या आसमान में रहेंगें ? है कोई जवाब तेरे पास..
पीछे से ताली की आवाज सुनकर
राज ने मुड़कर देखा तो पहचान न पाया.. नेहा दौड़कर उनके पास
चली गयी और आंसू पोछते हुए बोली -'पापा आप ठीक कह रहे थे
ये प्रेम नहीं केवल जाल है जिसमे फंसकर मुझ जैसी हजारों लडकियां अपना जीवन बर्बाद कर डालती हैं !!''
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