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आंख के बदले आंख:



एक बार एक राजकुमार रहता था। उन्होंने अपनी एक आंख खो दी. परन्तु अब वह राजकुमार न रहा, कुलीन मनुष्य बन कर इधर-उधर घूमता रहता था।

एक दिन वह रात को रुकने के लिए एक सराय में आया। उसने सराय में एक कमरा किराए पर लिया और रात को वहीं रुका। चूँकि उसे वह स्थान बहुत पसंद आया तो वह कई दिनों तक वहाँ रुका। सराय के मालिक की बेटी कभी-कभी उससे मिलती थी। उसे उस पर दया आई और उसने पूछा कि उसने अपनी आंख कैसे खो दी। कुलीन व्यक्ति ने उसे बताया कि एक बार उसके पिता एक देश के राजा थे। जब वह अपने चचेरे भाई के राज्य में गया हुआ था, एक दुष्ट मंत्री ने चालाकी से उसके पिता की हत्या कर दी और सिंहासन पर बैठ गया। जब वह अपने देश वापस लौट रहा था तो रास्ते में उसके आदमियों ने उसे पकड़ लिया। मंत्री ने बायीं आँख ले लेने का आदेश दिया। उन्होंने धीमी आवाज में कहा, "इस तरह मैंने अपनी एक आंख खो दी।"

सराय की बेटी ने उससे पूछा, “मंत्री ने तुम्हारी आँख क्यों ले ली?” उसने कहा।

"मंत्री जी मुझसे बदला लेना चाहते थे. ये भी अलग कहानी थी." उस राजकुमार ने कहा.

फिर उन्होंने आगे कहा, “मैं अपनी युवावस्था में धनुष-बाण लेकर घूम रहा था। जब मैं शूटिंग कर रहा था, तो यह अप्रत्याशित रूप से मंत्री की बायीं आंख पर लग गया था। इसलिए उसने अपनी बायीं आँख खो दी और वह मुझसे बदला लेने के लिए उपयुक्त अवसर की प्रतीक्षा कर रहा था। इसलिये जब मैं अपने राज्य में लौटा तो उसने मुझे पकड़ लिया। मैंने रहम की भीख मांगी और कहा कि उसने जानबूझ कर अपनी आंख नहीं मूंदी है. परन्तु उसने मेरी बात न मानी और मेरी बायीं आँख मूँदकर मुझे राज्य से जंगल में भेज दिया। मैं कई दिनों तक जंगल में भटकता रहा। एक दिन पशु शिकारियों को मुझ पर दया आ गयी और वे मुझे यहाँ ले आये। तब से मैं यहीं रह रहा हूं।" उसने अपनी बात समाप्त की।

सराय के मालिक की बेटी ने कहा, “आपकी जीवन कहानी मेरे दिल को छू गई और ऐसा किसी के साथ नहीं होना चाहिए। तब वह कुलीन व्यक्ति वहां से चला गया और अपनी राह चला गया।‌‌


Eye for An Eye:

Once there lived a prince. He lost one of his eyes. But now he was not a prince, he wandered here and there as a noble man.

One day he came to an Inn to stay for the night. He hired a room in the inn and stayed there in the night. As he liked the place very much he stayed there for days. The daughter of the Inn’s owner met him occasionally. She took pity on him and asked, how he had lost his eye. The noble man told her that once his father was a king of a country. When he was away to his cousin’s kingdom, one wicked minister cunningly killed his father and came to the throne. While he was returning back to his country, his men captured him on the way. The Minister ordered to take the left eye. “This was how I lost my one eye" he said in a low voice.

The daughter of the inn asked him, “why did the minister take your eye?" he said.

"The minister wanted to take revenge on me. It was also a separate story." Said that prince.

He then continued, “In my young age, I was wandering with bow and arrows. When I was shooting, it had hit the minister's left eye unexpectedly. So he lost his left eye and he was awaiting a suitable opportunity to revenge me. So he captured me when I returned to my kingdom. I begged for mercy and told that he did not blind his eye purposefully. But he didn't listen to my words and blinded my left eye and sent me from the kingdom to the forest. I was wandering in the forest for many days. One day the animal hunters took pity on me and brought me here. Since then I have been staying here." He finished.

The Inn owner’s daughter said, “Your life story touched my heart and this should not happen to any one. Then the noble man left the place and went on his 




सत्य घटना

हैरी नाम का एक वृद्ध व्यक्ति था। वह बहुत गरीब था। वह अपनी गुजर-बसर भीख मांग कर करता था ताकि उसे रात भर सड़क पर ना सोना पड़े। 

एक सुबह, उसने हमेशा की तरह अपनी चटाई बिछाई, भीख माँगने के लिए अपना प्याला रखा और माँगने के लिए याचना करने लगा। आस-पास बहुत सारे ऑफिस थे, तो कई सारे लोग वहाँ से हर रोज गुजरते थे। लेकिन उस दिन, कोई भी हैरी की ओर ध्यान नहीं दे रहा था। उसे लगा आज कुछ नहीं मिल सकेगा और वह उदास महसूस करने लगा। पर उसे नहीं पता था कि उस दिन उसकी किस्मत बदलने वाली है।

कुछ ही देर में वहाँ से एक युवती गुज़री। उसने मुस्कुराकर हैरी का अभिवादन किया व उसके प्याले में $20 डाल दिए। वह चौंक गया! यह पहली बार था जब किसी ने उसे इतने पैसे भीख में दिए थे! हैरी ने आभार व्यक्त करते हुए उस युवती से उसका नाम पूछा।

युवती ने मुस्कुराकर अपना नाम "सारा" बताया। हैरी बड़ा ही खुश होकर उत्साह से उसे बताने लगा, "मुझे आज रात सड़क पर नहीं सोना पड़ेगा! धन्यवाद, आपकी वजह से आज रात मैं चैन से सो सकता हूँ।" फिर उसने पूछा, "आपने मुझे इतने पैसे क्यों दिए?"
        
सारा ने बड़े ही प्यार से उस वृद्ध व्यक्ति को कहा, "मेरा यह मानना है कि *जो हम करते हैं वह प्रकृति हमें वापस ज़रूर देती है।* जैसा हम बोएंगे, वैसा फल मिलेगा।" दोनों ने कुछ समय बातचीत की, और फिर सारा का लंच ब्रेक खत्म होने के कारण उसे जाना पड़ा। उसने हैरी को आगे के लिए शुभकामनाएँ देकर अलविदा कहा।

थोड़े समय में हैरी को लगा कि उसे पैसे गिनकर देखना चाहिए, शायद एक दिन के लिए पर्याप्त राशि इकट्ठी हो गई हो। उसने पैसे गिनना शुरू किया तो उसे प्याले में कुछ चमकता हुआ नजर आया। वहाँ एक अंगूठी पड़ी देख वह हैरान रह गया, और सोचने लगा कि यह अंगूठी यहाँ कैसे पहुँची।

फिर उसे लगा कि प्याले में पैसे डालते समय सारा के हाथ से अंगूठी उसी में गिर गई होगी।
       
वह तुरंत सारा को ढूँढने के लिए जुट गया - गलियों में इधर-उधर ढूँढता, आस-पास के ऑफिस में पूछता। लेकिन वह उसे कहीं नहीं मिली और वह तलाश करते-करते थक गया।

अचानक उसके मन में लालच जाग उठी। उसने सोचा, अगर वह अंगूठी बेच दे, तो उसे कई महीनों तक सड़क पर नहीं सोना पड़ेगा!

यही सोचते हुए वह एक सुनार की दुकान पहुँच गया, और अंगूठी बेचने के लिए दुकानदार से उसकी कीमत पूछी। सुनार ने उसे $4000 अंगूठी की कीमत बताई और जिसे सुनकर हैरी को अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ। यह उसके लिए बहुत बड़ी रकम थी! सुनार के प्रस्ताव को सुनकर, हैरी पैसे लेकर कुछ महीने आराम में बिताने के लिए ललचाने लगा। वह अनेक सुविधाओं की कल्पना करने लगा, और हर रात चैन से सोने की संभावना ने उसे बहुत लुभाया। लेकिन अचानक उसे सारा के शब्द याद आ गए :*"जो हम करते हैं वह प्रकृति हमें वापस जरूर देती है"*। 

उसे मानो एक झटका सा लगा। सारा के वह शब्द उसे वापस वर्तमान में ले आए और उसकी गलती का एहसास कराया। और उसने अंगूठी नहीं बेचने का फैसला किया व फिर से सारा की खोज में लग गया। वह आस-पास के सभी कार्यालयों में जाकर पूछने लगा। तभी उसे याद आया कि सारा ने पिछली गली में काम करने की बात कही थी।

वह उस गली में गया और हर एक ऑफिस में जाकर पूछा। इस तरह वह उस गली के अंतिम ऑफिस में पहुँचा, और पूछा, "क्या सारा यहाँ काम करती है?" और आखिर उसे वह मिल गई।

सारा उसे वहाँ देखकर बहुत हैरान हुई और बोली, "बताइए, मैं आपकी कैसे मदद कर सकती हूँ।" हैरी ने तुरंत उसकी अंगूठी निकाली और कहा, "मुझे लगता है यह आपकी है। शायद पैसे डालते समय यह आपके हाथ से गिरकर मेरे प्याले में आ गई थी।"

उस अंगूठी को देखते ही सारा की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और उसकी आँखों में आँसू आ गए। उसने कहा, "मैं वास्तव में आभारी हूँ कि आप इसे वापस लाए। आप नहीं जानते कि यह मेरे लिए कितनी मायने रखती है! मैं आपका तहे दिल से शुक्रिया अदा करती हूँ।"

पर उसके मन में एक सवाल आया जो वह पूछे बिना रह न सकी। "अगर आप चाहते तो आप अंगूठी बेच कर बहुत पैसा कमा सकते थे। आपने इसे वापस क्यों किया," उसने उत्सुकतावश पूछा।

यह बात सुनकर हैरी ने कहा,"आपने इतनी उदारता से मेरी मदद की, मैं कम से कम इतना तो कर ही सकता हूँ। और वैसे भी, एक बुद्धिमान महिला ने मुझे कभी कहा था, *जो हम करते हैं वह प्रकृति हमें वापस जरूर देती है।*"
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उस वृद्ध व्यक्ति की यह बात सुनकर सारा का हृदय गदगद हो गया और उसे दिल से शुक्रिया करते हुए सारा ने कहा, "आप जानते हैं, यह मेरी शादी की अंगूठी है। मैं आपका एहसान कभी नहीं भूलूंगी।"

हैरी ने अंगूठी लौटा दी और चला गया। उसके जाने के बाद, सारा के सहकर्मी ने 'गो फंड मी' (GoFundMe) नामक वेबसाइट के माध्यम से बूढ़े व्यक्ति की मदद करने का सुझाव दिया। वह वहाँ अपनी कहानी साझा कर सकती थी, और लोगों से हैरी के लिए पैसे दान करने का अनुरोध कर सकती थी।

इस पर सारा ने खुशी जताते हुए कहा, "मैं जरूर यह काम करूँगी और मुझे यकीन है कि लोग यह कहानी पसंद करेंगे।"

उसने हैरी के लिए 'गो फंड मी' पर एक क्राउडफंडिंग पेज शुरू किया, और वह वायरल हो गया। यह कहानी अनेकों लोगों तक पहुँच गई कि कैसे सारा की अंगूठी खो गई थी और हैरी ने उसे वापस लौटया। लोगों ने दान करना शुरू कर दिया। कुछ ही दिनों में, सारा ने दान के रूप में $190,000 एकत्र कर लिए। फिर वह हैरी को खोजने निकल पड़ी।

हैरी उसे उसी स्थान पर मिला जहाँ वे पहली बार मिले थे। जब सारा ने उसे एक थैला दिया, हैरी ने सोचा कि वह उसकी मदद करने के लिए कुछ चीजें लाई है, और उसने अपना आभार प्रकट किया। लेकिन जब उसने बैग खोला और पैसे देखे तो वह अवाक रह गया। उसने सारा से पूछा, "आप मुझे इतने पैसे क्यों दे रही हैं?"

सारा ने मुस्कराते हुए कहा, "यह आपकी ईमानदारी का पुरस्कार है। यह आपकी कमाई है!"

फिर उसने उसे खुशी-खुशी समझाया कैसे लोगो ने उसकी ईमानदारी और दयालुता को सराहा, और GoFundMe के माध्यम से $ 190,000 की राशि का दान दिया। और अब उन्हें रास्ते पर रात बितानी नहीं पड़ेगी। इन पैसों से वह अपना खुद का घर खरीद सकते हैं।

यह सुनकर वह वृद्ध व्यक्ति खुशी से झूम उठा। उसकी आँखों में खुशी के आँसू छलक आए और उसने सारा को खूब आशीर्वाद दिया। सारा भी हृदय में खुशी और आँखों में आँसू लिए, हैरी से अलविदा कह कर चली गई।
       
उसके जाने के बाद, हैरी ने देखा कि बैग में एक कागज का टुकड़ा भी था, जिस पर लिखा था, "जो हम करते हैं वह प्रकृति हमें वापस जरूर देती है। हमारे कार्यों का हमेशा हमारे पास वापस आने का यह एक तरीका होता है।"

             

“हृदय हमेशा सच बोलता है और सही मार्गदर्शन करता है लेकिन लालच और अहंकार हमें भटका देते हैं।” 

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