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मुर्गा और लोमड़ी



'द कॉक एंड द फॉक्स नैतिक कहानी' में साज़िश की खोज करें। ईसप एक ऐसी कहानी गढ़ता है जिसमें बुद्धि छल से अधिक महत्वपूर्ण है। जैसे-जैसे कहानी सामने आती है, हर शब्द में ऐसे सबक गूंजते हैं जो अभी भी प्रासंगिक हैं। इसमें गोता लगाएँ और बुद्धि और धूर्तता का नृत्य देखें।

एक धूपदार पहाड़ी पर, एक घमंडी मुर्गा एक ऊंची चट्टान पर बैठा हुआ खड़ा था, उसके जीवंत पंख सूरज की किरणों में चमक रहे थे। नीचे घाटी से, एक चालाक लोमड़ी ने उसे देखा, जो स्वादिष्ट भोजन के बारे में सोचकर अपने होंठ चाट रही थी।

“प्यारे मुर्गे,” लोमड़ी ने पुकारा, उसकी आवाज में मिठास थी, “मैं अच्छी खबर लेकर आया हूँ! सभी जानवरों ने जंगल में शांति की घोषणा कर दी है। नीचे आओ, आइए हम एक साथ इस खुशी का दिन मनाएँ!”

मुर्गे को आसानी से मूर्ख नहीं बनाया जा सकता था, उसने उत्तर दिया, “ओह, क्या अद्भुत समाचार है! लेकिन देखो! मैं कुत्तों के एक झुंड को इस ओर भागते हुए देख रहा हूँ। उन्होंने शांति के बारे में सुना होगा और हमारे उत्सव में शामिल होने के लिए आ रहे हैं।

लोमड़ी की आँखें चिंता से फैल गईं। "शिकारी कुत्ता? मुझे तुरंत निकल जाना चाहिए!” और बिना कुछ कहे, वह जंगल में चला गया।

मुर्गे ने हँसते हुए कहा, “इतनी जल्दी नहीं, प्रिय लोमड़ी। कभी-कभी, यह अच्छी खबर नहीं है, लेकिन खतरे का विचार ही व्यक्ति को भागने पर मजबूर कर देता है।

कहानी का नैतिक

उन लोगों से सावधान रहें जो अपने असली इरादे को छिपाने के लिए मीठे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं



The Cock and The Fox

Discover the intrigue in ‘The Cock and The Fox moral story’. Aesop crafts a tale where wit outshines deceit. As the narrative unfolds, every word echoes lessons that are still relevant. Dive in and witness the dance of intellect and cunning.

On a sunny hillside, a proud cock stood perched on a high rock, his vibrant feathers shimmering in the sun’s rays. From the valley below, a cunning fox spotted him, licking his lips at the thought of a delicious meal.

“Dear Cock,” called the fox, his voice dripping with sweetness, “I’ve come with good news! All the animals have declared peace in the woods. Come down, let us celebrate this joyous day together!”

The cock, not easily fooled, replied, “Oh, what wonderful news! But look! I see a pack of hounds rushing this way. They must have heard of the peace and are coming to join our celebration.”

The fox’s eyes widened in alarm. “Hounds? I must leave at once!” And without another word, he bolted into the woods.

The cock chuckled, “Not so fast, dear fox. Sometimes, it’s not the good news, but the thought of danger that makes one run.”

Moral of the Story

Be wary of those who use sweet words to hide their true intention



                              आज की कहानी 


पिता द्वारा पुत्र को सीख 


पिता और पुत्र साथ-साथ टहलने निकले,वे दूर खेतों की तरफ निकल आये, तभी पुत्र ने देखा कि रास्ते में, पुराने हो चुके एक जोड़ी जूते उतरे पड़े हैं, जो ...संभवतः पास के खेत में काम कर रहे गरीब मजदूर के थे।

पुत्र को मजाक सूझा. उसने पिता से कहा ~ क्यों न आज की शाम को थोड़ी शरारत से यादगार बनायें,आखिर ... मस्ती ही तो आनन्द का सही स्रोत है. पिता ने असमंजस से बेटे की ओर देखा।

पुत्र बोला ~ हम ये जूते कहीं छुपा कर झाड़ियों के पीछे छुप जाएं.जब वो मजदूर इन्हें यहाँ नहीं पाकर घबराएगा तो बड़ा मजा आएगा.उसकी तलब देखने लायक होगी, और इसका आनन्द मैं जीवन भर याद रखूंगा।

पिता, पुत्र की बात को सुन गम्भीर हुये और बोले ~ बेटा ! किसी गरीब और कमजोर के साथ उसकी जरूरत की वस्तु के साथ इस तरह का भद्दा मजाक कभी न करना. जिन चीजों की तुम्हारी नजरों में कोई कीमत नहीं,वो उस गरीब के लिये बेशकीमती हैं. तुम्हें ये शाम यादगार ही बनानी है, तो आओ .. आज हम इन जूतों में कुछ सिक्के डाल दें और छुप कर देखें कि ... इसका मजदूर पर क्या प्रभाव पड़ता है.पिता ने ऐसा ही किया और दोनों पास की ऊँची झाड़ियों में छुप गए।

मजदूर जल्द ही अपना काम ख़त्म कर जूतों की जगह पर आ गया. उसने जैसे ही एक पैर जूते में डाले उसे किसी कठोर चीज का आभास हुआ, उसने जल्दी से जूते हाथ में लिए और देखा कि ...अन्दर कुछ सिक्के पड़े थे।

उसे बड़ा आश्चर्य हुआ और वो सिक्के हाथ में लेकर बड़े गौर से उन्हें देखने लगा.फिर वह इधर-उधर देखने लगा कि उसका मददगार शख्स कौन है ? दूर-दूर तक कोई नज़र नहीं आया, तो उसने सिक्के अपनी जेब में डाल लिए. अब उसने दूसरा जूता उठाया, उसमें भी सिक्के पड़े थे,मजदूर भाव विभोर हो गया।
वो घुटनो के बल जमीन पर बैठ ...आसमान की तरफ देख फूट-फूट कर रोने लगा।

वह हाथ जोड़ बोला हे भगवान् ! आज आप ही किसी रूप में यहाँ आये थे, समय पर प्राप्त इस सहायता के लिए आपका और आपके माध्यम से जिसने भी ये मदद दी,उसका लाख-लाख धन्यवाद।
आपकी सहायता और दयालुता के कारण आज मेरी बीमार पत्नी को दवा और भूखे बच्चों को रोटी मिल सकेगी.तुम बहुत दयालु हो प्रभु ! आपका कोटि-कोटि धन्यवाद।

मजदूर की बातें सुन ... बेटे की आँखें भर आयीं।
पिता ने पुत्र को सीने से लगाते हुयेे कहा ~क्या तुम्हारी मजाक मजे वाली बात से जो आनन्द तुम्हें जीवन भर याद रहता उसकी तुलना में इस गरीब के आँसू और दिए हुये आशीर्वाद तुम्हें जीवन पर्यंत जो आनन्द देंगे वो उससे कम है, क्या ?

    बेटे ने कहा पिताजी .. आज आपसे मुझे जो सीखने को मिला है, उसके आनंद को मैं अपने अंदर तक अनुभव कर रहा हूँ. अंदर में एक अजीब सा सुकून है।

आज के प्राप्त सुख और आनन्द को मैं जीवन भर नहीं भूलूँगा. आज मैं उन शब्दों का मतलब समझ गया जिन्हें मैं पहले कभी नहीं समझ पाया था.आज तक मैं मजा और मस्ती-मजाक को ही वास्तविक आनन्द समझता था, पर आज मैं समझ गया हूँ कि लेने की अपेक्षा देना कहीं अधिक आनंददायी है।

आइए हम भी इस कहानी के माध्यम से स्वयं तथा अपने बच्चों को ऐसी शिक्षा दें! कि कभी भी किसी भी परिस्थिति में किसी का मजाक ना उड़ाएं। अगर आनंद लेना ही है तो परोक्ष या प्रत्यक्ष रूप में किसी की सहायता करके लें। वह आनंद आपको तथा जिस की सहायता की उसको जिंदगी भर नहीं भूलेगा, तथा आपको परोक्ष रूप में आशीर्वाद देगा वह अलग!!


जब बार बार बहू पैसों की हेकड़ी दिखाती थी तो सांस ने ऐसा किया कि बहू सोचने पर मजबूर हो गयी...पूरी कहानी जरूर सुने...।।

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