अमीर खान रजत शर्मा के साथ, Amir khan with Rajat Sharma

बुरी स्मृतियाँ भुला दी जाएँ

दो भाई थे। परस्पर बडे़ ही स्नेह तथा सद्भावपूर्वक रहते थे। बड़ा भाई कोई वस्तु लाता तो छोटे भाई तथा उसके परिवार के लिए भी अवश्य ही लाता, छोटा भाई भी सदा उनको आदर तथा सम्मान की दृष्टि से देखता।

...पर एक दिन किसी बात पर दोनों में कहा सुनी हो गई। बात बढ़ गई और छोटे भाई ने बडे़ भाई के प्रति अपशब्द कह दिए। बस फिर क्या था ? दोनों के बीच दरार पड़ ही तो गई। उस दिन से ही दोनों अलग-अलग रहने लगे और कोई किसी से नहीं बोला। कई वर्ष बीत गये। मार्ग में आमने सामने भी पड़ जाते तो कतराकर दृष्टि बचा जाते, छोटे भाई की कन्या का विवाह आया। उसने सोचा बडे़ अंत में बडे़ ही हैं, जाकर मना लाना चाहिए।

वह बडे़ भाई के पास गया और पैरों में पड़कर पिछली बातों के लिए क्षमा माँगने लगा। बोला अब चलिए और विवाह कार्य संभालिए।

पर बड़ा भाई न पसीजा, चलने से साफ मना कर दिया। छोटे भाई को दुःख हुआ। अब वह इसी चिंता में रहने लगा कि कैसे भाई को मनाकर लाया जाए इधर विवाह के भी बहुत ही थोडे दिन रह गये थे। संबंधी आने लगे थे।

किसी ने कहा- उसका बडा भाई एक संत के पास नित्य जाता है और उनका कहना भी मानता है। छोटा भाई उन संत के पास पहुँचा और पिछली सारी बात बताते हुए अपनी त्रुटि के लिए क्षमा याचना की तथा गहरा पश्चात्ताप व्यक्त किया और प्रार्थना की कि ''आप किसी भी प्रकार मेरे भाई को मेरे यहां आने के लिए तैयार कर दे।''

दूसरे दिन जब बडा़ भाई सत्संग में गया तो संत ने पूछा - तुम्हारे छोटे भाई के यहाँ कन्या का विवाह है। तुम क्या-क्या काम संभाल रहे हो ?

बड़ा भाई बोला- "मैं विवाह में सम्मिलित नही हो रहा। कुछ वर्ष पूर्व मेरे छोटे भाई ने मुझे ऐसे कड़वे वचन कहे थे, जो आज भी मेरे हृदय में काँटे की तरह खटक रहे हैं।'' संत जी ने कहा जब सत्संग समाप्त हो जाए तो जरा मुझसे मिलते जाना।'' सत्संग समाप्त होने पर वह संत के पास पहुँचा, उन्होंने पूछा- मैंने गत रविवार को जो प्रवचन दिया था उसमें क्या बतलाया गया था ?

बडा भाई मौन ? कहा कुछ याद नहीं पडता कौन सा विषय था ?

संत ने कहा- अच्छी तरह याद करके बताओ।

पर प्रयत्न करने पर भी उसे वह विषय याद नहीं आया।

संत बोले 'देखो! मेरी बताई हुई अच्छी बात तो तुम्हें आठ दिन भी याद न रही और छोटे भाई के कडवे बोल जो एक वर्ष पहले कहे गये थे, वे तुम्हें अभी तक हृदय में चुभ रहे है। जब तुम अच्छी बातों को याद ही नहीं रख सकते, तब उन्हें जीवन में कैसे उतारोगे और जब जीवन नहीं सुधारा तब सत्संग में आने का क्या लाभ? अतः कल से यहाँ मत आया करो।''

अब बडे़ भाई की आँखें खुली। अब उसने आत्म-चिंतन किया और देखा कि मैं वास्तव में ही गलत मार्ग पर हूँ। छोटों की बुराई भूल ही जाना चाहिए। इसी में बडप्पन है।

उसने संत के चरणों में सिर नवाते हुए कहा मैं समझ गया गुरुदेव! अभी छोटे भाई के पास जाता हूँ, आज मैंने अपना गंतव्य पा लिया।

(जुआ)
एक ऐसी दलदल जिसमे एक बार इंसान ने पाँव रखा फिर वो खुद भी चाहे तो उस दलदल से खुद को नही निकाल पाता।

एक ऐसा लालच जो रोज एक नई उम्मीद दिखा कर एक नई परेशानी एक नया दर्द देता है।और आने वाली उम्मीदों को मार देता है।

एक ऐसा रास्ता जो ज़िन्दगी में आगे बढ़ने के कई रास्तो को बन्द कर देता है।

एक ऐसा रंग जो ज़िन्दगी को बेरंग बना देता है। चेहरे से ख़ुशी का रंग उड़ जाता है। दिल का सुकून खत्म हो जाता है।चेहरे की रौनक खत्म हो जाती है।

एक ऐसी मोहब्ब जो हमारे अपनो की मोहब्बत हम से छीन लेता है।कभी हमे उनकी नज़रो से गिरा कर।कभी हमे दूर कर के।इंसान इतना चिड़चिड़ा बना देता है।कि उसे उसकी लाइफ के उन लोगो से दूर कर देता हैं।जो उसकी लिए बेहद कीमती होते है।
इसमें जो आबाद हुए उनकी गिनती उंगलियों पे कर लो।जो बर्बाद हुए है उनका कोई हिसाब नही है।

(जुआरी)

वो कमज़ोर इंसान जो अपनी उम्मीदों के अपने सपनो के मीनार इस गंदी लत पर टिका देता है।और अपने अंदर के उस टेलेंट उस खूबी से अनजान हो जाता जिससे वो किसी और तरह से कामयाब कर सकता है।

वो ज़िंदा लाश जो सुबह जीने की चाह लेकर उठता है।लौटते वक्त मरा हुआ होता है।हारा हुआ होता है। किसी दिन गलती से जीत कि ख़ुशी मिल भी जाये तो अगले दिन अपनी आंखों के सामने उस ख़ुशी को छीनते हुए देखता है।

एक ऐसा लालच का गुलाम जो अपने ही हाथों से लम्हों में अपनी सालो की स्तिथि खराब कर लेता है।

एक ऐसा झूठा इंसान जो रोज अपने आप से झूठ बोलता है।कि अब लालच नहीं करूंगा।फिर उसी लालच का शिकार बन जाता है।
एक ऐसा कायर इंसान जो हर उस दोस्त को  भी दुश्मन समझता हैं।जो गलती से भी इस लत से दूर होने की बात कह दे

एक ऐसा मजदूर जो रोज एक ऐसी गलतफहमी का बोझ अपने सिर पे ढोता है। जो हमेशा ही गलतफहमी ही रहेगी। कि लॉस कवर करना है।

ये जो बातें ऊपर लिखी है। इतना टाइम खराब किया हैं। सिर्फ इसलिए कि शायद किसी के दिल दिमाग मे मेरी कोई बाद घुस जाए और इस गंदी लत से दूर हो जाये जो कि नामुमकिन है।फिर भी किसी एक ने भी मेरे कहने से छोड़ दिया तो मैं अपनी लाइफ को सफल समझूँगा।

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