ब्योमकेश बक्शी की रहस्यमई कहानियाँ
वो नब्बे का दशक था ल, जब रामायण, महाभारत जैसे सीरियल्स भारत मे सुर्खिया बटोर रहे थे, और घर घर मे उनका ही राज था. ऐसे मे आया एक ऐसा सीरियल, जिसने छोटे परदे पर धूम मचा दी. वो सीरियल था जासूस ब्योमकेश बक्शी का. जी हा भारत के अपने शेरलॉक होल्म्स.
तेल चुपडे बाल, सादी सफ़ेद धोती, और आँखों पर बड़ा सा चश्मा. यही पहचान थी ब्योमकेश बक्शी की. जासूस ब्योमकेश बक्शी पर बना सीरियल एक बेहद लोकप्रिय उपन्यास पर आधारित है, जो लिखा गया था बंगाली लेखक सारदेंदु बन्दोंपाध्याय द्वारा.
रहस्यात्मकता कम या ज्यादा हर किसी के जीवन का हिस्सा होती है. ज्यादातर लोगो के जीवन के अनुभव की गठरी मे ऐसी कुछ घटनाये जरूर छुपी होती है, जिनका रहस्य कभी कभी तो पूरी जिंदगी नहीं खुलता. ऐसे मे अक्सर ही मन करता है की काश ब्योमकेश बक्शी जैसा कोई जासूस व्यक्ति उनके संपर्क मे भी होता जो उनकी गूथथी को सुलझा सकता.
असल जिंदगी मे तो अक्सर ऐसा संभव नहीं होता, लेकिन इन कहानियो के माध्यम से आप रहस्य की गूथथियो को सुलजते देख पाएंगे. तो आखिर ब्योमकेश बक्शी थे कौन?
आइए जानते है उनके बारे मे कुश मजेदार बाते. ब्योमकेश जासूसी जरूर करते थे, लेकिन उन्हें खुद को जासूस कहलाना बिल्कुल भी पसंद नहीं था. ऐसे मे उन्होंने अपने पेशे को नाम दिया 'सत्यनवेशी' का, जिसका मतलव होता है 'सच को खोजने वाला'. ऐसे मे जो लोग व्योमकेश के ज्यादा करीबी होते थे, वो उन्हें इसी नाम से बुलाते थे 'सत्यनवेशी ब्योमकेश बक्शी'.
इन कहानियो को आप मे से कई लोग शायद टीवी पर देख चुके होंगे, और शायद नई पीढ़ी के लिए ये बिलकुल ही नया अनुभव हो. लेकिन अगर आप भी ब्योमकेश बक्शी के दीवाने रहे है तो इन कहानियो को पड़ कर आप फिर से उसी दौर मे वापस जा सकते है, एक नया अनुभव लेने के लिए.
और जिन्होंने वो सीरियस नहीं देखा है, उनके लिए तो यक़ीनन ये एक रोमांचकारी अनुभव होगा. इन कहानियो का एक एक किरदार आपको उलझा देगा. कभी किसी विलेन की मासूम सी तारीफ हो रही होती है, तो कभी उसके किसी भी काम को बेहद सहज़ तरीके से बताया जा रहा होता है, और इन सब बातो के बिच मे आप यह अंदाजा ही नहीं लगा पाएंगे कि सबसे मासूम सा दिखने वाला और शक के घेरे से बहुत दूर खड़ा शख्स ही असली मुजरिम है.
इस क्लासिक नॉवेल (उपन्यास) को लेकर आए है हम इस पोस्ट मे. तो देर किस बात की, पकड़िये कोई कोना, ये पोस्ट और चलिए जासूसी भरे एक नए सफऱ पर
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें