2023-24 की खास-खास किताबों का खज़ाना
पढ़ना जीवन के सबसे खूबसूरत अनुभवों में से एक होता है। फिक्शन किताबें जहां कल्पना के सहारे पाठकों की कल्पनाओं को विस्तार देती हैं वहीं नॉन-फिक्शन किताबें मानव समाज के विभिन्न विषयों में हो रहे विकास से रू-ब-रू कराती हैं। इस साल कुछ अलग करने की कोशिश में मधुकर मृणाल ने इंसानी जिंदगी के विभिन्न पहलुओं पर लिखीं नॉन-फिक्शन किताबों की सूची तैयार की है।
विज्ञान, तकनीक और AI
चैट जीपीटी एक अध्ययन: भाषा प्रसंस्करण के क्षेत्र में हुए उल्लेखनीय विकास को इसमें सरल भाषा में समझाया गया है। लेखक: डॉ. सुनील कुमार शर्मा, प्रकाशक: वाणी प्रकाशन, 299 रु., 106 पेज।
Nexus: A Brief History of Information Networks from the Stone Age to AI: नेक्सस में लेखक ने पूरे मानव इतिहास में सूचना नेटवर्क की विशाल शक्ति की खोज की है, वहीं प्रारंभिक मिथकों और धर्मों से लेकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की अत्याधुनिक दुनिया तक पर चर्चा की है। लेखक: युवाल नोआ हरारी, प्रकाशक: विंटेज पब्लिशिंग, 1099 रु. (पेपरबैक), 528 पेज।
मिथकों से विज्ञान तक: सभ्यागत विकास में विज्ञान की भूमिका को लेखक ने प्रस्तुत किया है जिसमें ब्रह्मांड और जीवन के विकास की कहानियां हैं। लेखक: गौहर रज़ा, प्रकाशक: पेंगुइन स्वदेश, 299 रु., 208 पेज।
साइबर एनकाउंटर्स: लेखक: अशोक कुमार, ओपी मनोचा, प्रकाशक: प्रभात प्रकाशन, 300 रु. (पेपरबैक), 216 पेज।
When The Chips Are Down: A Deep Dive into a Global Crisis: लेखक: प्रणय और अभिराम मांची, प्रकाशक: ब्लूम्सबरी, 599 रु. (पेपरबैक), 224 पेज।
बिज़नेस
Why the Heck Not: भारत के रीयल एस्टेट के उभार के साथ-साथ राजनीति के साथ उसके रिश्ते को समझाती है यह किताब। लेखक: केपी सिंह, अपर्णा जैन, प्रकाशक पेंगुइन, 799 रु. (हार्डकवर), 304 पेज।
ब्रेकिंग द मोल्ड: इस किताब में लेखक बता रहे हैं कि हम कैसे अपने मानव संसाधन पर ध्यान देकर और अपने मैनुफैक्चरिक सेक्टर को बढ़ाकर देश को तरक्की की राह पर ला सकते हैं। लेखक: रघुराम राजन, रोहित लाम्बा, प्रकाशक: पेंगुइन स्वेदश, 499 रु. (पेपरबैक), 320 पेज।
एलोन मस्क के 99 सक्सेस प्रिंसिपल्स: यह पुस्तक एलन मस्क के जीवन से प्राप्त सफलता के 99 सूत्रों के बारे में करीब से बताती है। लेखक: एन चोक्कन, प्रकाशक प्रभात प्रकाशन, 300 रु. (पेपरबैक), 208 पेज।
ट्रेड एंड ग्रो रिच: लेखक: इंद्राजिथ शांताराज, प्रकाशक: प्रभात प्रकाशन, 300 रु. (पेपरबैक), 168 पेज।
Impossible to Possible: लेखक: आरसी भार्गव, प्रकाशक ब्लूम्सबरी, 799 रु. (पेपरबैक), 256 पेज।
राजनीति
Gujarat Under Modi: The Blueprint For Today's India: यह किताब नरेंद्र मोदी की राजनीति में हिंदू बहुसंख्यकवाद से इतर जाति और वर्ग की राजनीति में उनकी महारत का ब्लूप्रिंट है। लेखक: क्रिस्टोफ़ जैफ़रलॉट, प्रकाशन कंटेक्स्ट, 899 रु. (पेपरबैक), 626 पेज।
Golwalkar: The Myth Behind the Man, The Man Behind the Machine: माधव सदाशिव गोलवलकर के विचार उनकी मृत्यु के साथ खत्म नहीं हुए बल्कि भारतीय राजनीति को अब तक प्रभावित कर रहे हैं। लेखक ने हिंदुत्व की राजनीति के सबसे बड़े विचारक के जीवन के हर पहलू को उजागर किया है। लेखक: धीरेंद्र झा, प्रकाशक सिमोन एंड सुस्टर, 899 रु. (हार्डकवर), 416 पेज।
नये भारत की दीमक लगी शहतीरें संकटग्रस्त गणराज्य पर आलेख: मूल किताब: The Crooked Timber of New India: Essays on a Republic in Crisis लेखक: परकाला प्रभाकर, अनुवाद: व्यालोक पाठक, प्रकाशक राजकमल प्रकाशन, 399 रु. (पेपरबैक), 248 पेज।
राम फिर लौटे: लेखक: हेमंत शर्मा, प्रकाशक: प्रभात प्रकाशन, 350 रु. (पेपरबैक), 304 पेज।
मीडिया और सोशल मीडिया
न्यूज़ चैनलों का जनतंत्र: न्यूज़ चैनलों ने बीते दो दशकों में किस तरह से भारत के जनतंत्र को प्रभावित किया है, लेखक ने इसके उभार और बढ़ते प्रभाव पर बारीक नजर डाली है। लेखक: आनंद प्रधान, प्रकाशक: वाणी प्रकाशन, 795 रु. (पेपरबैक/हार्डकवर), 480 पेज।
मीडिया का लोकतंत्र: भारत का पॉपुलर मीडिया खासतौर से टीवी की दुनिया में क्या कुछ चल रहा है, यह किताब तथ्यों, संदर्भों और आंकड़ों के साथ इसका विश्लेषण करती है। लेखक: विनीत कुमार, प्रकाशक: राजकमल प्रकाशन, 399 रु. (पेपरबैक), 328 पेज।
ओवर द टॉप: ओटीटी का मायाजाल: लेखक ने इस नये प्लेटफॉर्म के सभी पक्षों का विश्लेषण किया है। लेखक: अनंत विजय, प्रकाशक: प्रभात प्रकाशन, 300 रु. (पेपरबैक), 216 पेज।
Indian Journalism and the Impact of Social Media: भारतीय पत्रकारिता को सोशल मीडिया ने किस ढंग से प्रभावित किया है और न्यूजरूम्स पर इसका क्या असर पड़ा, यह किताब इसका वैज्ञानिक ढंग से विश्लेषण करती है। लेखक: धीमन चटोपाध्याय, प्रकाशक: पैलग्रेव मेकमिलन, 9154 रु. (पेपरबैक), 257 पेज।
सेहत और योग
Own Your Body: फैटी लिवर से लेकर इंसानी शरीर के स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं पर गौर करती है यह किताब। लेखक डॉ. शिव सरीन, प्रकाशन ब्लूम्सबरी, 499 रु. (पेपरबैक), 330 पेज।
अच्छे इलाज के 51 नुस्खे: एम्स भोपाल के फाउंडर-डायरेक्टर रहे डॉ. संदीप कुमार ने 40 साल की मेडिकल साइंस की अपनी समझ को इस किताब में उतारा है। सेहत से जुड़ा कोई भी अहम टॉपिक इस किताब में छूटा नहीं है। लेखक: डॉ. संदीप कुमार, अजय कुमार अग्रवाल, प्रकाशक: स्टारडम बुक्स, पेज 566, कीमतः 695 रु.।
जंगल लैबोरेटरी: किताब में लेखक ने स्वास्थ्य के पारंपरिक नुस्खों को आधुनिक विज्ञान की कसौटी पर परखा है। लेखक: डॉ. दीपक आचार्य, प्रकाशक: हिंद पॉकेट बुक्स,a 499 रु. (हार्डकवर), 232 पेज।
खुशियों की पाठशाला: हैपीनेस पाठ्यक्रम पर आधारित खुशियों की पाठशाला ज्ञान से सरोबार करने के साथ-साथ मनोरंजन भी देती है। लेखक: रेनू सैनी, प्रकाशक: सामयिक प्रकाशन, 395 रु. (पेपरबैक हार्डकवर), 192 पेज।
35 मिनट नियमित योग: लेखक: डॉ. सुरक्षित गोस्वामी, प्रकाशक: प्रभात प्रकाशन, 300 रु. (पेपरबैक), 168 पेज।
हर उम्र में फिट रहें: लेखक: एयर मार्शल पीवी अय्यर, प्रकाशक ब्लूम्सबरी, 399 रु. (पेपरबैक), 200 पेज।
सेल्फ हेल्प
सपनों की रोशनी: किताब के जरिए लेखक आशा और निराशा, स्पष्टता और असमंजस, सफलता और असफलता, खुशी और दुःख, जैसे सारे अनुभवों के बीच सहज भाव से आगे बढ़ना सिखाते हैं। लेखक: कैलाश सत्यार्थी, प्रकाशक प्रभात प्रकाशन, 250 रु. (पेपरबैक/हार्डकवर), 184 पेज।
लाइफ स्किल्स फॉर करिअर: यह किताब करियर की बुलंदियों तक पहुंचने के लिए प्रयासरत करोड़ों युवाओं के लिए उपयोगी हैंडबुक है। लेखक: सुशील कुमार परे, प्रकाशक: अनबाउंड स्क्रिप्ट, 299 रु. (पेपरबैक), 150 पेज।
खुद से बेहतर - करिअर में सफलता के 15 सूत्र: खुद के आकलन और कौशल विकास के जरिए वर्कप्लेस पर सफल होने के लिए बेहतरीन गाइड है। इस किताब में लेखक ने प्रैक्टिकल टिप्स से युवाओं का मार्गदर्शन किया है। लेखक: नवीन चौधरी, प्रकाशक: अनबाउंड स्क्रिप्ट, 275 रु. (पेपरबैक), 208 पेज।
दिव्य पथ दांपत्य का: यह किताब अनेक विवाहितों से बातचीत करके लिखी गई है। इसमें बताया गया है कि सुखी विवाहित जीवन कैसे हािसल किया जा सकता है। विवादों को किस तरह समझदारी से सुलझाया जा सकता है और सुखी जीवन जीया जा सकता है। लेखक: अर्जुन राम मेघवाल, प्रकाशक: प्रभात प्रकाशन, 500 रु. ( हार्डकवर), 200 पेज।
Go Further, Faster: Shaping a Life that Matters: लेखक: लुलू राघवन, प्रकाशक ब्लूम्सबरी, 499 रु. (पेपरबैक), 200 पेज।
इतिहास
राष्ट्र और नैतिकता नए भारत से उठते सवाल: बढ़ते ध्रुवीकरण के बीच गणतंत्र के बुनियादी पाठ और बहुलतावादी भारत का चित्र यह किताब खीचती है। लेखक: राजीव भार्गव, मूल किताब: Between Hope and Despair, अनुवादक: अभिषेक श्रीवास्तव, प्रकाशक: राजकमल प्रकाशन, 499 रु., 376 पेज।
The Golden Road: अतीत में व्यापार और विचार की दृष्टि से भारत की महत्ता पर केंद्रित यह किताब कई ऐतिहासिक धारणाओं को तोड़ती है। साथ ही भारत को प्राचीन एशिया की दार्शनिक महाशक्ति के रूप में पुनर्स्थापित करती है। लेखक: विलियम डेलरिंपल, प्रकाशक: ब्लूम्सबरी, 999, 608 पेज।
1947 के बाद भारत कुछ स्मरण, कुछ टिप्पणियां: 1947 के बाद भारत कुछ स्मरण, कुछ टिप्पणियां, देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर मुल्क के अब तक के सफर पर ले चलती है। लेखक: राजमोहन गांधी, मूल किताब: India After 1947: Recollections and Reflections, अनुवाद: अरुण कुमार त्रिपाठी, प्रकाशक: वाणी प्रकाशन, 199 रु. (पेपरबैक), 107 पेज।
हमारा इतिहास उनका इतिहास किसका इतिहास: लेखक: रोमिला थापर, मूल किताब: Our History, Their History, Whose History, अनुवाद: संजय कुंदन, प्रकाशक: वाम प्रकाशन, 250 रु. (पेपरबैक), 144 पेज।
इतिहास में अफवाह उत्तर: आधुनिक संकट से गुजरते हुए: लेखक: शंभुनाथ, प्रकाशक: वाणी प्रकाशन, 895 रु. (हार्डकवर), 352 पेज।
पर्यटन-पर्यावरण
Speaking with Nature: The Origins of Indian Environmentalism: जलवायु परिवर्तन के खतरे पर भारतीय दृष्टि परंपरा के महत्वपूर्ण व्यक्तियों के नजरिए को इस किताब में पेश किया गया है। लेखक: रामचंद्र गुहा, प्रकाशक: फोर्थ एस्टेट इंडिया, 519 रु. (हार्डकवर), 440 पेज।
पथिक मैं अरावली का: यह देश के सबसे प्राचीन पहाड़ की यात्रा का
दस्तावेज है। लेखक: भंवर मेघवंशी, प्रकाशक राजपाल एंड सन्स , 375 रु. (पेपरबैक), 224 पेज।
बेहयाई के बहत्तर दिन - पुरबिया संगीन, मोस्टली चीन, एक सफ़रनामा: यह अनदेखे चीन को शब्दों-दृश्यों में पाने-सिरजने की प्रक्रिया है। लेखक: प्रमोद सिंह, प्रकाशक: हिंद युग्म, 299 रु. (पेपरबैक), 212 पेज।
गोडावण : मोरे अंगना की सोन चिरैया: लेखक: कबीर संजय, प्रकाशक: वाणी प्रकाशन, 250 रु. (पेपरबैक), 108 पेज।
Myth, Memory and Folktale of The Wancho Tribe of Arunachal Pradesh: The stories of Our Ancestors: लेखक: तारा डगलस, जटवांग वांग्सा, प्रकाशक: नियोगी बुक्स, 595 रु. (हार्डकवर), 188 पेज।
पर्सनल फाइनैंस
Make Epic Money: यह किताब पैसे की जटिल दुनिया में गहराई से उतारती है. लेखक ने खुद के अनुभवों को लिखा है। लेखक: अंकुर वारिकू, प्रकाशक पेंगुइन रेंडम हाउस, 399 रु. (हार्डकवर), 340 पेज।
Price Action Trading: प्राइस ऐक्शन ट्रेडिंग एक व्यापारिक तकनीक है जिसमें एक व्यापारी बाजार का अध्ययन करता है। लेखक: इंद्रजिथ शांताराज, प्रकाशक: प्रभात प्रकाशन, 300 रु. , 160 पेज।
किताब: Let's Talk Mutual Funds: Building Wealth in a Smart, Swift Manner: म्यूचुअल फंड का भारत में इस्तेमाल तो बढ़ा है लेकिन उसे इस्तेमाल करने की कला ठीक से नहीं आई है, यह किताब इसी इर्द-गिर्द है। लेखक: मोनिका हालन, प्रकाशक: हार्पर कॉलिंस, 399 रु. (पेपरबैक), 316 पेज।
Digital Fortunes : A Value Investor's Guide to the New Economy: लेखक: स्मारक स्वैन, प्रकाशक: ब्लूम्सबरी, 599 रु. (पेपरबैक), 236 पेज।
The Health and Wealth Paradox: लेखक: अंकुश दतर, मिहिर पटकी, प्रकाशक: हार्पर बिजनेस, 399 रु. (पेपरबैक), 256 पेज।
धर्म और अध्यात्म
The Eternal Religion: Glimpses of Hinduism: पांच दशकों से भी ज्यादा से हिंदू धर्म पर लिख रहे डॉ. कर्ण सिंह की किताब हिंदू धर्म के बुनियादी सिद्धातों को स्पष्ट करती है।
लेखक: डॉ. कर्ण सिंह, प्रकाशक स्पीकिंग टाइगर, 423 रु. (हार्डकवर), 266 पेज।
गीता प्रेस और हिन्दू भारत का निर्माण: गोरखपुर के गीता प्रेस के अभिलेखों तक पहुंच बनाकर लेखक ने हिन्दुत्व परियोजना के बीजारोपण से लेकर जनमानस में उसे मजबूत किए जाने के पूरे वाकये से रूबरू करवाया है। मूल किताब: Gita Press and The Making of Hindu India, लेखक: अक्षय मुकुल, अनुवाद: प्रीति तिवारी, प्रकाशक सेतु प्रकाशन, 599 रु. (पेपरबैक), 462 पेज।
मकतूब: मकतूब मानव-परिस्थिति के रहस्यों से परदा उठाती हैं। लेखक: पाओलो कोएलो, अनुवाद: मदन सोनी, प्रकाशक मंजुल प्रकाशन, 399 रु. (पेपरबैक), 220 पेज।
हिंदू धर्म - भारतीय दृष्टि: हिंदू धार्मिक चिंतन की उपलब्धियों और विडंबनाओं को एक विस्तृत भारतीय फलक पर यह किताब पेश करती है। लेखक: शंभुनाथ, प्रकाशक: वाणी प्रकाशन, 395 रु., 248 पेज।
समाज विज्ञान
विकल विद्रोहिणी पंडिता रमाबाई: उन्नीसवीं सदी भारत में पुनर्जागरण की सदी मानी जाती है और पंडिता रमाबाई इस दौर में एक असुविधाजनक स्वर के रूप में आती हैं। लेखक: सुजाता, प्रकाशक: राजकमल प्रकाशन, 295 रु. (पेपरबैक/हार्डकवर), 248 पेज।
अम्बेडकर: एक जीवन: इस नई जीवनी में थरूर बेहद सरलता, अन्तर्दृष्टि और प्रशंसा के भाव के साथ अम्बेडकर की कहानी बताते हैं। लेखक: शशि थरूर, अनुवाद: अमरेश द्विवेदी, प्रकाशक: वाणी प्रकाशन, 395 रु. (पेपरबैक), 218 पेज
ज्योतिबा फुले व्यक्तित्व और विचार: ज्योतिबा फुले के व्यक्तिव और विचारों पर आधारित यह पुस्तक समाज को नई दिशा देती है। लेखक: गंगाधर बालकृष्ण सरदार, प्रकाशक: सामयिक प्रकाशन, 495 रु. (पेपरबैक/हार्डकवर), 256 पेज।
आधुनिक दलित इतिहास के निर्माता न्याय और समरसता के अग्रदूत: लेखक: सुरदर्शन रामभद्रन, गुरु प्रकाश पासवान, प्रकाशक: पेंगुइन, 180 रु. (पेपरबैक), 216 पेज।
दलित राजनीति और हिंदू धर्म: लेखक: डॉ. रानी शंकर, उदय शंकर, प्रकाशक प्रभात प्रकाशन, 248 रु. (पेपरबैक), 128 पेज।
सिनेमा, संगीत, खेल, खानपान
उम्मीदों के गीतकार शैलेन्द्र सिनेमा में रचे गाने, जिंदगी में बसे गाने: अपने छोटे से फिल्मी जीवन में गीतकार शैलेन्द्र ने जो रचा, वह बेमिसाल है। यह किताब उनके जीवन की गहराई में झांकती है। लेखक: यूनुस खान, प्रकाशक: राजकमल प्रकाशन, 399 रु., 280 पेज।
आनंद बक्शी के अनसुने नग्में- मैं जादू हूं चल जाऊंगा: यह किताब लिखावट की नई परतें खोलती हैं। लेखक: राकेश आनंद बक्शी, प्रकाशक: पेंगुइन स्वेदश, 113 रु., 226 पेज।
Mangifera Indica: A Biography of the Mango: आम की कथा जितने रसीले ढंग से लेखक ने सुनाई है, शायद ही कोई कर पाए। इसमें इतिहास से लेकर वर्तमान सब है। लेखक: सोपान जोशी, प्रकाशक: एलेफ बुक कंपनी, 799 रु., 432 पेज।
विटनेस: लेखक: साक्षी मलिक, जोनाथन सेल्वाराज, प्रकाशक जगरनॉट, 799 रु. (हार्डकवर), 336 पेज।
जिया जले: लेखक गुलज़ार, मूल किताब: Jiya Jale: The Stories of Songs, अनुवाद: युनूस खान, प्रकाशक: राधाकृष्ण प्रकाशन, 254 रु. (पेपरबैक/हार्डकवर), 156 पेज।
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