रात का समय

रात का समय


इंदौर के गलियों में एक 22 साल की लड़की जो दिखने में किसी मॉडल से कम नहीं थी।

जैसे कोई सुपर मॉडल हो जिसकी हाइट 5 फीट 7 इंच और रंग गोरा एकदम दूध के जैसी सफेद, आंखे मोती जैसी सुंदर गहरी काली उस पर लंबी पलके सुराही जैसे गर्दन।

एक तरह से कहा जाए तो भगवान ने इस लड़की को बहुत ही फुर्सत से तरासा हो जो अभी अभी अपने दोस्त राधा के घर से बाहर निकलकर अपने रूम स्कूटी से जा रही थी।

रात के लगभग 11 बजे होंगे इसलिए रोड में ज्यादा गाड़ी नही चल रहे थे।

अचानक ही उसकी नजर रोड किनारे गिरे एक इंसान पर गया जो शायद बेहोश था।

वो लड़की जल्दी से अपनी स्कूटी को एक साइड में खड़े करके जल्दी उस घायल इंसान को बचाने चली गई ।

जैसे ही वो लड़की उस घायल इंसान के पास गई वैसे ही उस घायल इंसान को देखकर शॉक्ड हो गई ।

घायल इंसान के पीठ पर किसी ने किसी धारदार चीज से वार किया था।

जिससे उस घायल इंसान का शरीर खून से पूरा लथपथ था।

वो लड़की जल्दी से उस घायल इंसान के चोंट लगे जगह पर अपनी दुप्पटे को को आधा फाड़कर जल्दी से बांध दी और उस इंसान के सांसे चेक की तो सांसे बहुत धीमे चल रहे थे।

उस घायल इंसान को वो लड़की बडी मुश्किल से सीधा पलटी और उसे होश में लाने की नाकाम कोशिश करने लगी।

और किसी टैक्सी वाले का वेट करने लगी ।

लगभग आधे घंटे बाद एक टैक्सी दिखा।

उस लड़की ने जल्दी से टैक्सी ड्राइवर के मदद से उस घायल इंसान को टैक्सी में बैठाई और पास ही के सिटी हॉस्पिटल में ले गई।

टैक्सी ड्राइवर के मदद से उस घायल इंसान को लड़की जैसे तैसे उस घायल इंसान को हॉस्पिटल के मैन डोर तक स्ट्रेचर तक लाई और जल्दी से डॉक्टर को ट्रीटमेंट स्टार्ट करवा दी ।

घायल इंसान को देखकर डॉक्टर ने जल्दी से ऑपरेशन के लिए बोल दिया।

लेकिन वो लड़की के पास दिक्कत वाली बात ये थी

"की वो उस घायल इंसान को जानती भी नही थी।

यहां तक नाम भी नही जानती थी,इसलिए उस लड़की को समझ में ही नही आ रहा था, की अब वो क्या करे???

अगर वो लड़की उस पेसेंट के पूरी जानकारी ना बताती तो डॉक्टर पुलिस केस करके ट्रीटमेंट स्टार्ट नही करते पर बहुत दिमाग चलाने के बाद उस लड़की ने उस घायल इंसान के कपड़े चेक की क्योंकि ऑपरेशन थिएटर में ले जाने से पहले उस घायल इंसान को ऑपरेशन के ड्रेस पहना दिए थे।

जिसमे से उसे एक बिजनेस कार्ड दिखा जिसमे ,"बड़े ही स्टाइल में बड़े बड़े अक्षर में लिखा था शिवा राठौर ,सीईओ ऑफ राठौर इंडस्ट्री।

वो लड़की जल्दी से ऑपरेशन होने के पहले वाले प्रोसेस कंप्लीट कर दी रिलेटिव में खुद को शिवा राठौड़ के मंगेतर के रूप सिग्नेचर कर दी जिससे शिवा के जल्दी से ऑपरेशन प्रोसेस स्टार्ट हो गया।

वो लड़की अब जल्दी से हॉस्पिटल के वेटिंग हॉल में गई क्योंकि उसने अभी तक टैक्सी ड्राइवर को उसका किराए नही दी थी ।

जिसे उसने हॉस्पिटल के वेटिंग हॉल में रुकने को बोल दी थी।

जल्दी से ड्राइवर को बोली,"=आपको हमें वहीं दोबारा छोड़ना होगा जहां से हम आए थे, क्योंकि मेरी स्कूटी वहीं पर रह गई है फिर मैं आपको किराए इकट्ठे दे दूंगी।

टैक्सी ड्राइवर भी मान गया और उसने उस लड़की को उसी एक्सीडेंट वाले जगह पर छोड़ दिया और अपना किराए लेकर चला गया।

अभी रात के करीब एक बज गए थे इसलिए रोड एकदम ही सुना पड़ा था और इस सुनसान रोड और भी ज्यादा डरावनी लग रहा था।

वो लड़की अपनी स्कूटी को चालू करके हुए खुद को मोटिवेट करते हुए बोली,"=सुलोचना तू कहां फंस गई यार तू डर मत, डर के आगे जीत है, तू

सुलोचना जल्दी से स्कूटी चालू की और हॉस्पिटल पहुंच कोई कुछ नही करेगा 

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